688 villages will become models, the wheel of development will run

डलमऊ ब्लॉक के बरारा बुजुर्ग में बना रिसोर्स रिकवरी सेंटर।
– फोटो : स्रोत विभाग

रायबरेली। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले के 688 गांवों को मॉडल बनाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत चिह्नित गांवों में जल्द ही विकास का पहिया दौड़ेगा। इसके लिए डीपीआरओ ने इसी महीने सभी गांवों में कराने वाले कार्यों की योजना तैयार करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने पांच दिन में कम से कम 300 गांवों की कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजने के आदेश दिए हैं, जिससे बजट मिलते ही ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, सड़क, नाली आदि जरूरी विकास कार्य शुरू कराए जा सके।

जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में प्रसाधनों की व्यवस्था करने के बाद गांवों में धार्मिक स्थलों, स्कूलों, पंचायत भवनों, सचिवालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, गलियों, चौराहों के सुंदरीकरण के लिए कायाकल्प का काम कराकर मॉडल बनाने का काम शुरू किया गया है। पहले चरण में जिले में 145 और दूसरे में 602 गांवों को चुना गया था। पूर्व में चयनित गांवों में विकास कार्य चल भी रहे हैं।

शासन की मंशा पर वर्ष 2024-25 में जिले में 688 राजस्व गांवों को मॉडल बनाने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए विकास की योजना बनवाने का काम शुरू हो गया है। गांवों में कराए जाने वाले कार्यों की योजना तैयार करके शासन को भेजा जाएगा। बजट मिलते ही काम शुरू कराए जाएंगे।

मंगलवार को डीपीआरओ सौम्य शील सिंह ने समीक्षा करके पांच दिन में कम से कम 300 गांवों की कार्ययोजना उपलब्ध कराने के आदेश संबंधित एडीओ को दिए है। 30 जुलाई तक हर हाल में सभी गांवों की कार्ययोजना भेजने के निर्देश दिए हैं, जिससे समय से गांवों में काम कराकर उन्हें मॉडल बनाया जा सके।

सभी गांवों में बनेंगे रिसोर्स रिकवरी सेंटर

जिले में चिह्नित 688 गांवों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर निर्माण कराया जाएगा। यहां पर ठोस और तरल कचरे को अलग करके कचरे को उपयोगी बनाने का काम होगा। इससे बायोगैस और जैविक खाद भी तैयार कराने की तैयारी है। इस काम में स्वयं सहायता समूहों से सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा शोकपिट, सीसी रोड और नालियों के निर्माण का काम भी होगा। गली व चौराहे पर प्रकाश की व्यवस्था होगी। तालाबों का सुंदरीकरण करने के साथ निर्मल बनाया जाएगा।

किस्त जारी करने के आदेश

जिले में इस साल 32 हजार प्रसाधनों का निर्माण कराए जाने का लक्ष्य मिला है, लेकिन अब तक एक भी प्रसाधन के लिए पहली किस्त जारी नहीं की गई है। मंगलवार को स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए डीपीआरओ सौम्य शील सिंह ने खराब प्रगति पर सभी ब्लॉकों के एडीओ पंचायत को फटकार लगाकर तत्काल किस्त जारी करवाने के आदेश दिए।

जिले में चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत 688 गांवों को मॉडल बनाने के लिए चिह्नित किया गया है। कार्ययोजना तैयार कराई जा रही है। शासन से बजट मिलते ही गांवों में तय मानकों के अनुरूप काम शुरू कराया जाएगा।

– सौम्य शील सिंह, डीपीआरओ



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