उरई (जालौन)। शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर पिला युवक की हत्या करने वाले को अदालत ने सात साल की कैद और पचास हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। 15 साल पुराने इस मामले में कोर्ट के आदेश पर छह लोगों को आरोपी बनाया गया था। सुनवाई के बाद अदालत ने एक को दोषी पाते हुए सजा सुनाई और पांच को बरी कर दिया।

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शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बघौरा निवासी सुषमा देवी ने पुलिस को बताया था कि मार्च 2009 में उसकी तबीयत खराब हो गई थी। रुपये की जरूरत होने पर उसने लगभग पौने दो किलो चांदी के जेवर मेवा उर्फ मेवालाल व सुनील के पास यह कहकर गिरवी रखे थे कि इलाज के बाद पति अखिलेश ब्याज सहित रुपये देकर जेवर वापस ले लेंगे। जब उसके पति ने जेवर मांगे तो दोनों ने जेवर देने से मना कर दिया। इस मामले में बिरादरी व रिश्तेदारों के बीच पंचायत भी हुई थी।

इससे नाराज मेवालाल व सुनील ने उसके पति के साथ मारपीट की। 15 अक्तूबर 2010 को वह अपने बेटों आकाश व अविनाश के साथ बैरागढ़ देवी मंदिर दर्शन करने गई थी। शाम को लौटी तो उसके घर के दरवाजे पर बाहर से कुंडी लगी थी। जब वह कुंडी खोलकर घर में घुसी तो देखा तो पति अखिलेश अचेत थे और मुंह से झाग निकल रहा था। वह अस्पताल ले गई। जहां वह बोल नही पा रहे थे। उन्होंने उसकी हथेली पर मेवा उर्फ मेवालाल, बंटे, रवि, रामू, सुनील व अजय कुमार के नाम लिखे थे।

महिला का आरोप था की उसके पति को उक्त लोगों ने शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर पिलाकर हत्या कर दी। उसने कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। 14 साल चले ट्रायल के बाद शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार ने मेवा उर्फ मेवालाल को दोषी पाते हुए सात साल की कैद और पचास हजार रुपये अर्थदंड लगाया। शेष आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।



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