झाँसी- शनिवार को झाँसी के वीरांगना सभागार में बुन्देलखण्ड जल मंच की बैठक का आयोजन किया गया । इस बैठक में बुंदेलखंड के तमाम जिलों से आए सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने बुंदेलखंड में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बेरोजगारी, अतिवृष्टि, पलायन और सामाजिक-आर्थिक विपन्नता जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो कि इस क्षेत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
संजय सिंह ने बुंदेलखंड की सभी संस्थाओं को एकजुट होकर इस समस्या से निपटने के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बुंदेलखंड की विशेष परिस्थिति को देखते हुए आगामी पाँच वर्षों के लिए एक ठोस कार्ययोजना का निर्माण किया जायेगा और निरंतर मजबूत गठजोड़ बनाकर बुन्देलखण्ड के विकास कि रूपरेखा तय की जाएगी और जो भी तथ्य सामने निकलकर आयेंगे उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों को यहाँ कि समस्याओं से समय समय में अवगत कराया जायेगा |
मार्गश्री संस्था के निदेशक ध्रुव सिंह यादव ने भी अपने विचार साझा किए और स्वशासन की प्रक्रिया को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया । उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही | उन्होंने कहा कि यदि बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों का सही मायने में विकास करना है, तो पंचायतों को सशक्त करना ही एकमात्र रास्ता है।
वरिष्ठ समाजसेवी अमित त्रिपाठी ने कहा कि जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ठोस और प्रभावी कार्य के लिए एक सशक्त फोरम का गठन किया जाना चाहिए। गाँव के विकास के संदर्भ में उन्होंने ग्राम सभाओं को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि गाँवों का समग्र विकास संभव हो सके।

बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफ़ेसर डॉ अभय प्रताप वर्मा ने बुंदेलखंड में जल संकट के समाधान के ऊपर अपनी बात कही |
बैठक के अंत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बुंदेलखंड की समस्याओं के समाधान के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। इसके लिए बुंदेलखंड के सभी सामाजिक संगठनों को एकजुट होकर कार्य करना होगा।

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