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लखनऊ। केजीएमयू में एमबीबीएस अंतिम वर्ष की छात्रा ने कलाई काट ली। वह क्लास में नहीं आ रही थी और साथी उसकी हाजिरी (प्रॉक्सी) लगा रहे थे। ट्रॉमा सेंटर में इलाज के बाद छात्रा को डिस्चार्ज कर दिया गया।

केजीएमयू में 80 प्रतिशत उपस्थिति के बाद ही परीक्षा में बैठने की अनुमति है। बीते शुक्रवार को जनरल सर्जरी विभाग की क्लास में हाजिरी को लेकर शक होने पर शिक्षकों ने मिलान किया तो पता चला कि दो विद्यार्थी क्लास में नहीं हैं, लेकिन उनकी हाजिरी लगाई गई है।

अगले दिन क्लास में आए बिना 20 छात्रों की उपस्थिति लगाई गई। शिक्षक ने सीनियर को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद दोनों ने डीन से शिकायत करने के साथ कम हाजिरी वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में न बैठने देने की चेतावनी दी। इससे परेशान छात्रा ने हॉस्टल में हाथ की कलाई काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। आनन-फानन उसे ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। शुक्र इस बात का रहा कि हाथ की त्वचा ही कटी, नस दुरुस्त थी। वहीं, इतना सब होने के बाद भी केजीएमयू ने मामले को विशाखा समिति के पास नहीं भेजा गया। महिला से जुड़ा मामला होने की वजह से इसे समिति के पास भेजना जरूरी था। केजीएमयू के डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि जांच कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।



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