जिला अस्पताल में ब्लड की जांच कराने के लिए लगी मरीजों की भीड़।
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रायबरेली। सीएमओ कार्यालय के संक्रामक रोग विभाग में कार्यरत नॉन मेडिकल असिस्टेंट समेत नौ मरीज डेंगू के चपेट में आ गए हैं। कर्मचारी समेत दो मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बुखार के भी 33 मरीजों को भर्ती करके इलाज शुरू किया गया है। प्रयोगशाला रिपोर्ट के बाद टीमों ने मरीजों के घर पहुंचकर जांच की। दवा का छिड़काव करने के साथ परिवार के लोगों की सेहत जांची।
डेंगू के चपेट में आने के बाद शहर के अमर नगर निवासी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय के संक्रामक रोग विभाग में कार्यरत नॉन मेडिकल असिस्टेंट अभिषेक (40) पुत्र राम प्रसाद और राना नगर निवासी आदित्य (15) पुत्र विजय को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावा रामजीपुरम बस्तेपुर निवासी रौनक जायसवाल (17), मलिकमऊ आइमा निवासी अनीता सिंह (52) व रमेशचंद्र (55), सत्य नगर निवासी समरजीत (39), बड़ा घोसियाना निवासी नारायणी शर्मा (24), पुलिस लाइन निवासी शिव महिमा शुक्ला (28), फीरोजगांधी नगर निवासी आशीष (24) डेंगू के चपेट में आए हैं।
बुखार के चपेट में आने के बाद सोमवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे दीपक (27), ममता (34), चौबा देवी (70), रौनक (6), आशमा (50), सबीना (10), इंद्र बहादुर (60), अरशद (22), रामखेलावन (40), गुरुदेई (70) समेत 32 मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रयोगशाला रिपोर्ट आते ही मलेरिया निरीक्षक मो. आतिफ आदि की टीम ने मोहल्ले में पहुंचकर दवा का छिड़काव कराया। मोहल्ले के 35 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा। मोहल्लों में दवा का छिड़काव करने के साथ ही लोगों में दवाओं का वितरण भी किया।
डेंगू के लक्षण हों तो जांच जरूर कराएं
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सलीम का कहना है कि डेंगू के लक्षण प्रतीत होते ही मरीज की जांच जरूर कराएं, जिससे समय से मरीजों का इलाज हो सके। डेंगू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जीमिचलाना, उल्टी होना, आंखों के पीछे दर्द, कान की ग्रंथियों में सूजन व त्वचा पर लाल चकत्ते होना आदि हैं। लक्षण प्रतीत होते ही नजदीक के अस्पताल में पहुंचकर इलाज कराएं।
जिला अस्पताल की ओपीडी में उमड़े मरीज
जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को मरीज उमड़े। परचा काउंटर पर तो बाहर तक लंबी लाइनें लग गईं। ओपीडी कक्षों के बाहर बरामदा मरीजों से लबालब हो गया। ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दवा काउंटर के साथ ही पैथोलॉजी में भी जांच कराने के लिए मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती। ओपीडी में 1800 से अधिक मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे। कई मरीजों को काउंटरों पर पूरी दवाएं भी नहीं मिलीं। इससे मरीजों को बाजार से दवाएं भी खरीदनी पड़ी।
मौसम में बदलाव के कारण एहतियात बरतने की जरूरत है। डेंगू के मरीज बढ़े हैं। सभी मरीज स्वस्थ है। दो मरीजों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। लक्षण प्रतीत होते ही जांच जरूरत कराएं।
– डॉ. नवीन चंद्रा, सीएमओ रायबरेली