कोतवाली से युवक शिवकुमार का अपहरण किया गया था, साथ ही उसके परिजनों से फिरौती की मांग की जा रही थी, जिस पर पुलिस ने उरई कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया

जालौन में स्पेशल डकैती कोर्ट ने डकैत मंगली केवट सहित 4 लोगों को सजा सुनाई, जिसने मंगली केवट को आजीवन कारावास और पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जबकि उसके तीन अन्य साथियों को सात- साज वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है और बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जानकारी देते अपर शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडेय ने बताया कि वर्ष 2004 में उरई कोतवाली से युवक शिवकुमार का अपहरण किया गया था, साथ ही उसके परिजनों से फिरौती की मांग की जा रही थी, जिस पर पुलिस ने उरई कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया था, बाद में आटा पुलिस की डकैतों से मुठभेड़ हुई थी, जिसमें अपहृत हुए शिव कुमार को आटा पुलिस ने मुक्त करा लिया था।

इस मामले में 24 नवंबर 2004 को अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई, जिसमें विवेचना के दौरान गोधन, राकेश उर्फ रामकेश एवं मोतीलाल केवट के विरुद्धआईपीसी की धारा 364 ए के तहत आरोप पत्र प्रेषित किया गया,साथ ही अभियुक्त राम मूरत, मालती, मंगली केवट तथा पप्पू और रामाधार के विरुद्ध भी 364ए आईपीसी के तहत आरोप पत्र प्रेषित किया गया,जिस पर न्यायालय द्वारा 16 सितंबर 2005 को संज्ञान लिया गया। सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई थी, जिसमें गोधन, राकेश उर्फ रामकेश तथा मोतीलाल को धारा 365 आईपीसी तथा आईपीसी की धारा 364 ए के तहत डकैत मंगली केवट को भी दोषी पाया गया था, जबकि इस मामले में राम मूरत, मालती केवट एवं पप्पू और रामाधार को आईपी की धारा 364 एक के तहत दोष मुक्त किया गया।



इस मामले में मंगलवार को डकैत मंगली केवट, गोधन, राकेश उर्फ रामकेश तथा मोतीलाल को सजा सुनाई गई। स्पेशल डकैती कोर्ट के न्यायाधीश डॉ अवनीश कुमार ने मंगली केवट को आईपीसी की धारा 364 ए के तहत डकैत मंगली केवट को भी दोषी मानते हुए आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपए का जुर्माना साथ ही गोधन, राकेश उर्फ रामकेश तथा मोतीलाल को 7-7 साल की कारावास की सजा और 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

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