टहरौली (झांसी)- केंद्र संस्कृत विद्यापीठ महाविद्यालय बमनुवां में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के तत्वाधान में त्रैमासिक पौरोहित्य प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ डॉo हरिपति सहाय कौशिक संस्कृत संरक्षण समिति अध्यक्ष के मुख्य आथित्य में किया गया। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। मुख्य अतिथि डॉ0 हरिपति सहाय कौशिक ने पौरोहित्य के माध्यम से सोलह संस्कारों, जागरण के नियम, स्नान विधि, भोजन विधि तथा मुहूर्त के महत्व को बताया कि मुहुर्मुहूत्रायते इतिमुहूर्त कहलाता है। पौरोहित्य प्रशिक्षक सुनील कुमार तिवारी ने कहा कि आज समाज में संस्कारों की कमी महसूस हो रही है। हम सभी को मानव धर्म को अपनाना है। अच्छे मनुष्यो को समाज में स्थापित करना है क्योंकि धर्म आपस में प्रेम करना सिखाता है। परस्पर भाईचारे के साथ रहना है। इस अवसर पर उपस्थित धर्मेन्द्र रावत, ब्रजेश सविता, सोहित मिश्र, आशुतोष चतुर्वेदी, कृष्णा गौतम, गौरव दीक्षित आदि उपस्थित रहे। संचालन केंद्र व्यवस्थापक श्री ब्रजकिशोर तिवारी ने तथा आभार रविकांत पिपरैया ने व्यक्त किया.

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