किराए की कोख।
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जानकीपुरम के रहने वाले एक दंपती ने किराये की कोख (सरोगेसी) के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ऑफिस में आवेदन किया है। सरोगेसी के लिए यह जिले में दूसरा आवेदन है। इससे पहले एक डॉक्टर ने आवेदन किया था। खामी होने की वजह से आवेदन को निरस्त कर दिया गया था।
जानकीपुरम के रहने वाले दंपती के इकलौते बेटे ने खुदकुशी कर ली थी। उनकी पत्नी की बच्चेदानी निकाली जा चुकी है। ऐसी दशा में दंपती ने किराये की कोख लेने का निर्णय लिया है। दपंती ने अपने पत्र में हवाला दिया है कि उनकी पत्नी गर्भधारण नहीं कर सकती है। लिहाजा सरोगेसी के लिए इजाजत दी जाए।
नए नियम के तहत डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुमति के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी हो पाएगी। सोमवार को दंपती सीएमओ ऑफिस पहुंचे। पति ने पत्नी की जांच रिपोर्ट के साथ आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। कमेटी ने पत्नी की जरूरी जांचें कराने के निर्देश दिए हैं। जांच में पत्नी के गर्भधारण के लिए अनफिट पाए जाने पर ही दंपती को किराये की कोख की इजाजत मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कई चरणों की जांच पड़ताल के बाद कमेटी अनुमति देगी।
इन नियमों का करना होगा पालन
किराये की कोख के लिए रजामंदी देने वाली महिला का आवेदक का रिश्तेदार होना जरूरी है।
रिश्तेदार महिला विवाहित होनी चाहिए।
सरोगेट मां की उम्र कम से कम 25 साल व उसका एक बच्चा भी होना चाहिए।