उरई/ कदौरा। समितियों में खाद न होने से किसानों को परेशानी हो रही है। किसानों को निजी दुकानदारों से खाद खरीदनी पड़ रही है।

कई दिनों से डीएपी उर्वरक की कमी के कारण किसानों की बोआई प्रभावित हो रही है। किसान घंटों लाइन में लगकर भी उर्वरक नहीं पा रहे, जबकि निजी दुकानदार इसका फायदा उठाकर उर्वरक के प्रति बोरी पर 200 से 250 रुपये अधिक वसूल रहे हैं। रबी फसलों के इस मौसम में मटर, मसूर, चना, सरसों और गेहूं जैसी फसलें बोने की तैयारी में किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी पैदावार पर असर पड़ने की आशंका है।

किसान महंगी उर्वरक खरीदने को मजबूर हैं। किसान प्रकाश बाबू, लक्खू प्रजापति, विनीत कुमार, राधेश्याम विश्वकर्मा आदि किसानों का कहना है कि सहकारी समिति में उर्वरक उपलब्ध होते ही कर्मचारियों द्वारा अपने परिचितों को पहले बांट दिया जाता है, जिससे आम किसानों को उर्वरक नहीं मिल पाता और वे ठगा हुआ महसूस करते हैं। सहकारी समिति कदौरा के सचिव राजेंद्र वर्मा ने बताया कि अब तक 60 मीट्रिक टन डीएपी का वितरण निर्धारित मूल्य पर किया जा चुका है। जैसे ही उर्वरक उपलब्ध होगा, उसका वितरण किसानों को तुरंत किया जाएगा।



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