मोंठ(झांसी)-समथर थाना क्षेत्र के ग्राम लावन में शनिवार दोपहर खेत पर पेड़ से फांसी लगाकर करीब 34 बर्षीय व्यक्ति ने फांसी लगा ली, जिसे मोंठ सीएचसी में मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए झांसी भेज दिया। कुछ माह पहले एक्सीडेंट में उसकी मां की मौत हो गई थी। फांसी लगाने से पहले पिता से बोला, मैं अपनी मां के पास जा रहा हूं। परिजनों ने बताया मां के इलाज के लिए कर्ज लिया था, उनकी मौत के बाद मानसिक तनाव में रहने लगा था। दो बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। ग्वालियर में भी उसका इलाज चल रहा था।
बताया गया है, समथर थाना क्षेत्र के ग्राम लावन में मंजुल कुशवाहा (34) पुत्र रामसेवक अपने परिवार के साथ रहता था। शनिवार सुबह करीब 11:00 बजे घर से निकाला और कह कर गया कि खेत पर चने की फसल देखने जा रहा है। जब रामसेवक ने परिजनों ने खेत पर जाकर देखा तो उसका बेटा खेत पर लगे बबूल के पेड़ से फांसी के फंदे पर झूल रहा था। यह देखते ही पिता के सिर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, परिजनों के होश उड़ गए। उन्होंने तत्काल उसे फंदे से नीचे उतरा और मोंठ सीएचसी में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए झांसी भेज दिया।
मृतक के पड़ोसी कप्तान सिंह ने बताया कि उसने कुछ सामान मंजुल को दिया था। जिसे वापस लेने के लिए फोन किया तो मंजुल ने दुखी स्वर में कहा कि सामान घर पर रखा है और उससे अंतिम बार बात हो रही है। कारण पूछने पर वह रोने लगा, कप्तान सिंह ने तत्काल यह सूचना मंजुल के पिता रामसेवक को दी। मंजुल के पिता रामसेवक ने कॉल किया तो उसने कहा कि “जहां मेरी मां गई है, मैं भी वहीं जा रहा हूं।” इतना कहकर विलख-विलख कर रोने लगा और कॉल काट दिया। खेत पर जाकर देखा तो मंजिल ने फांसी लगा ली थी।
मृतक के भाई जीतू कुशवाहा ने कहा, विगत 4 माह पूर्व मंजुल, उसके पिता रामसेवक तथा मां कुसमा देवी एक बाइक से जा रहे थे। तभी ग्राम बसोबई के पास जानवर सामने आ जाने से वह गिरकर घायल हो गए थे। कुसमा देवी का इलाज करीब 7 दिन तक चलता रहा, इसके बाद उनकी मौत हो गई थी। जीतू ने बताया कि मां के इलाज में काफी पैसा खर्च हुआ, जिसके लिए कर्ज भी लेना पड़ा था। फसल भी साथ नहीं दे रही थी, जिसके कारण काफी कर्ज चढ़ता चला गया। बताया कि इन्हीं वजहों से मंजिल मानसिक तनाव में रहने लगा था। उसका ग्वालियर में इलाज भी कराया गया लेकिन उसकी हालत में बिल्कुल भी सुधार नहीं हो सका था।
बताया कि मंजुल की पत्नी का नाम जानकी कुशवाहा है। जिनके एक 10 बर्षीय बेटा विनीत तथा 6 बर्षीय बेटी शिवानी है। मृतक पूरे परिवार का इकलौता सहारा था। वह खेती किसानी करने के साथ-साथ सब्जी आदि बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। उसकी मौत से परिजनों में शोक का माहौल है।