
Road Accident in jhansi
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
शनिवार सुबह करीब आठ बज रहे थे। कार में झुलसकर मरे दूल्हे, उसके चार साल के मासूम भतीजे, बड़े भाई समेत चारों के शव पोस्टमार्टम हाउस लाए जा चुके थे। इमरजेंसी गेट पर परिवार के तमाम लोग मौजूद थे। सबसे पीछे पीले रंग की शर्ट पहने हुए एक व्यक्ति जमीन पर बैठा था।
अचानक उसके मोबाइल फोन की घंटी बजी। कॉल रिसीव करते ही दूसरी ओर से किसी ने कुछ पूछा। यह सुनकर वह व्यक्ति कांपती आवाज में बोला कि कछू नईं बचो…सबईं बर्बाद हो गओ। यह कहते-कहते वह फूट-फूटकर बिलखने लगा।
आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह उसे ढांढस बंधाकर शांत किया। फोन पर बात करते हुए बिलखने वाला यह व्यक्ति दूल्हे का पिता संतोष था। उसकी आंखों के सामने देखते-देखते उसका पूरा परिवार उजड़ गया। दो जवान बेटे समेत पोते की लाश उसके सामने रखी थी। संतोष के परिवार में दो बेटों के अलावा दो बेटियां आरती और काजल हैं।
उनकी वह शादी कर चुका है। बड़े बेटे आशीष के परिवार में पत्नी अर्चना समेत छह साल की बेटी स्माइली और चार साल का बेटा मयंक था। हादसे में मयंक की मौत हो गई। हादसे की खबर कुछ ही देर में परिवार तक पहुंच गई थी। खबर लगते ही परिवार में कोहराम मच गया। आशीष की पत्नी अर्चना, मां विमलेश का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।