
राजधानी सहित प्रदेश में 5000 परिषदीय विद्यालयों की विलय की प्रक्रिया जारी है। इस बीच शिक्षक व अभिभावक कई समस्याओं को लेकर विरोध दर्ज कर रहे हैं। मंगलवार को इसी मसले पर अमर उजाला लखनऊ कार्यालय में हुए संवाद कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, अभिभावक व शिक्षकों ने अपनी बात रखी। शिक्षकों ने कहा कि सरकारी स्कूलों के विलय से पहले वहां का भौगोलिक, सामाजिक व आर्थिक सर्वे जरूरी है।
शिक्षकों ने कहा कि आरटीई के तहत विलय की प्रक्रिया पूरी तरह से गलत है। विलय से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के बजाय बच्चों की संख्या कम होगी। सरकार और विभाग को चाहिए था कि स्कूलों के जर्जर भवन की मरम्मत कराए। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। खासकर शिक्षिकाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था हो। लेकिन, विलय पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षकों ने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों के आसपास कई निजी स्कूल संचालित हैं। अभिभावक निजी स्कूलों को प्राथमिकता दे रहे हैं।