
Kushagra Jain
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उत्तर प्रदेश के युवा कौशल और हुनर के दम पर पूरी दुनिया में देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स ने एशिया 30 अंडर 30 में यूपी के कुशाग्र जैन को भी स्थान मिला है। मूलत: कानपुर निवासी 23 वर्ष के कुशाग्र ने दृष्टिहीनों और दृष्टिबाधितों के लिए एक विशेष ग्लव्ज (दस्ताना) तैयार किया है।
ये डिवाइस न केवल ब्रेल लिपि पढ़ने में मदद करेगी बल्कि उन्हें ब्रेल लिपि सिखाने का भी काम करेगी। एशिया में 30 वर्ष से कम उम्र के सबसे प्रतिभावान युवाओं में शामिल कुशाग्र जैन ने बताया कि पूरी दुनिया में 25 करोड़ लोग या तो देख नहीं सकते या न के बराबर ही देख पाते हैं।
2018 में जब बंगलौर में पढ़ने के लिए संघर्ष करते ऐसे युवाओं को देखा तो मन विचलित हो गया। वहां ऐसी कम्युनिटी के 90 फीसदी लोगों को पढ़ना नहीं आता था। वे ब्रेल लिपि को भी पढ़ने में अक्षम थे। थोड़ा गहराई में गए तो पता चला कि ब्रेल सिखाने वाले शिक्षकों की संख्या सीमित है। ब्रेल लिपि सीखने में भी तीन से चार साल लगते हैं। तब इस डिवाइस को बनाने की प्रेरणा मिली।
ओरामा-एआई की रखी नींव
2022 में कुशाग्र ने कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई के बाद अमेरिका में ओरामा-एआई स्टार्टअप की नींव रखी। ओरामा के दो अर्थ हैं। पहला- विजन अर्थात दृष्टि। दूसरा- मेरे राम। इसके तहत उन्होंने एक ग्लब्स बनाया, जिसे हाथों में पहनने के बाद ब्रेल लिपि को पढ़ने में मदद मिलती है।