लखनऊ। फर्जी पते पर बोगस कंपनियां बनाकर जीएसटी चोरी करने में राज्य कर विभाग ने पांच फर्मों के खिलाफ 10.50 करोड़ रुपये की कर चोरी में मुकदमा दर्ज कराया है। पंजीकृत करतादाओं के सत्यापन के साथ फर्मों की रेकी में ये खुलासे हुए।

उपायुक्त राज्य कर खंड-15 भूपेंद्र कुमार सिंह की रेकी के बाद हुई जांच में तीन फर्में बोगस मिलीं। मुकदमे में बताया गया कि घनश्याम इंटरप्राइजेज का 2021-22 में पंजीकरण हुआ। फर्म घोषित पते हसनगंज पार्क पर नहीं मिली। कंपनी ने दिल्ली की ऐसी फर्म से खरीद दिखाई, जिसका पंजीयन निरस्त हो चुका था।

फर्म ने स्थायी पता चिखाला भंडारा (महाराष्ट्र) दिखाया। हसनगंज पार्क निवासी संजय घनश्याम तांडेकर ने कबाड़ बिक्री पर लाइसेंस लिया था। 27.30 लाख रुपये की कर चोरी की गई।

माखन इंटरप्राइजेज भी घोषित पते बरोलिया डालीगंज पर नहीं मिली। मौके पर मिले रवि सिंह ने बताया कि यह बिल उनके पिता के नाम पर है। इस पते पर सिंह सिस्टम का संचालन मिला, जिसका माखन इंटरप्राइजेज से संबंध नहीं है। 7.28 करोड़ की कर चोरी का पता चला। उधर, माल में बोगस फर्म अंश इंटरप्राइजेज केंद्राधिकार में पंजीकृत मिली। फर्म भी घोषित पते माल रोड, लखनऊ में नहीं मिली। मालिक हरदोई के माधौगंज जिला के अनुभव ने दो करोड़ से अधिक की कर चोरी की।

फर्जी फर्म ने की 10.09 लाख की कर चोरी

खंड-18 के सहायक आयुक्त राज्यकर रामनरेश वर्मा ने 10.09 लाख रुपये की कर चोरी में माल थाने में मुकदमा दर्ज कराया। केंद्रीय क्षेत्राधिकार की फर्म पैकरमा ट्रेडर्स घोषित पते इब्राहिमपुर मलिहाबाद में नहीं मिली। फर्म में स्थायी पता लखीमपुर खीरी का धौरहरा लिखा गया। उपायुक्त राज्यकर खंड-16 अभिमन्यु पाठक ने राज्य क्षेत्राधिकार में पंजीकृत फर्म अल्तमस ट्रेडर्स व संचालक जाहिर अहमद निवासी लालपुर जिला सीतापुर पर मुकदमा दर्ज कराया। कंपनी ने फर्जी लीज एग्रीमेंट लगाकर पंजीकरण हासिल किया। जांच में पता चला कि फर्म ने 2024-25 में बिना माल की वास्तविक सप्लाई के केवल इनवाइस जारी किए ही दाखिल जीएसटीआर में 82.31 लाख की कर चोरी की।



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