उत्तर प्रदेश में साल दर साल बिजली गिरने से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ रही है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड में यह बिजली ज्यादा कहर ढहा रही है। विगत चार साल के आंकड़े बताते हैं कि सोनभद्र, ललितपुर, झांसी, बांदा चंदौली, प्रतापगढ़, चित्रकूट, फतेहपुर, गाजीपुर, बलिया व प्रयागराज में बिजली गिरने से अधिक मौतें हुई हैं। वहीं, इन वर्षों में हापुड़, मुजफ्फरनगर और रामपुर में मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया।

loader

Trending Videos

बिजली गिरना वह प्राकृतिक घटना है, जिसमें गरज वाले बादलों के बीच या बादल और जमीन के बीच उच्च विद्युत आवेशों का तेजी से संचरण होता है। बादलों में जल और बर्फ के कणों के आपस में घर्षण से आवेश उत्पन्न होते हैं, जो बिजली के रूप में जमीन की ओर बढ़ता है। इसे ही हम बिजली गिरना कहते हैं। यह घटना इंसानों, पशुओं और पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाती है। मानसून सीजन में ये घटनाएं ज्यादा होती हैं।

लोगों के मरने की 80 फीसदी घटनाएं पूर्वांचल और बुंदेलखंड में

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2024-25 में बिजली गिरने से प्रदेश में 373 लोगों की मौत हुई। इसमें पूर्वी यूपी में 217 और बुंदेलखंड में 82 लोग मरे। यानी, इन दो क्षेत्रों में कुल 299 मौतें हुईं। पश्चिमी यूपी में 47 और मध्य यूपी में 27 मौतें हुईं। इस तरह से देखें तो 80 फीसदी मृतक पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र में हैं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *