झाँसी-कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान में एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन डा. नीति शास्त्री, पूर्व प्रधानाचार्य, केन्द्रीय विद्यालय, झॉसी के मुख्य आतिथ्य एवं संस्थान निदेशक डा. पंकज कौशल की अध्यक्षता में किया गया। डा. पंकज कौशल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि ‘क’ क्षेत्र होने से हिंदी में कार्य करना हमारा दायित्व है। संवाद की भाषा हिंदी है, हिंदी में अधिकतम कार्य करके हम लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में निदेशक ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया इसके पश्चात डा. सुनील कुमार, प्रभारी राजभाषा ने स्वागत भाषण दिया। नीरज कुमार दुबे ने हिंदी की प्रगति से अवगत कराते हुए संस्थान में आयोजित हिंदी के कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में डा. नीति शास्त्री ने अपने उद्धबोधन में बताया कि स्वतंत्रता संघर्ष की भाषा हिंदी, भारत के भाल की हिंदी, व्यवहार एवं वाचन की भाषा हिंदी के विभिन्न पक्षों को बताते हुए विश्व परिदृश्य पर हिंदी की उपयोगिता वर्णित की। डा. नीति शास्त्री ने स्वतंत्रता संघर्ष में हिन्दी की भूमिका के संबंध में व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम के अवसर पर विभागाध्यक्षों डा. पुरूषोत्तम शर्मा, डा. अरूण कुमार शुक्ला, डा. शाहिद अहमद, डा. दानाराम पलसानिया, डा. संजय कुमार सिंह, डा. अवीनेन्द्र कुमार सिंह, वैज्ञानिक डा. प्रभाकांत पाठक, डा. मुकेश चौधरी एवं सहायक प्रशासनिक अधिकारी संजय कुमार रजक, विजय कुमार पालीवाल, यशपाल सिंह, दिनेश कुमार नामदेव की उपस्थिति रही। कार्यशाला में वैज्ञानिकों-तकनीकी-प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का संचालन. सुनील कुमार एवं आभार नीरज कुमार दुबे ने किया।

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