राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद में पार्किंग और जाम की समस्या दूर करने के लिए कई बार योजनाएं बनीं, मगर अमल नहीं हो पाया। जमीन को लेकर विवाद और कानूनी अड़चन होने से न तो नई पार्किंग बन पाई और न ही झंडेवाला पार्क में बनी भूमिगत पार्किंग का विस्तार हो पाया। ऐसे में बाजार में पार्किंग की समस्या बनी हुई है।

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करीब सात साल पहले इंवेस्टर्स समिट को लेकर तत्कालीन विकास मंत्री ने अमीनाबाद में पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या दूर करने के लिए दौरा किया था। उस समय कई स्थानीय व्यापारियों ने यह मांग की थी कि यदि झंडेवाला पार्क की भूमिगत पार्किंग का विस्तार कर पूरे पार्क के नीचे पार्किंग बन जाए तो काफी सुविधा हो जाएगी। 




Many plans made to solve problem of parking and traffic jam in Aminabad Lucknow but no solution could be found

अमीनाबाद में पार्किंग न होने से सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहन।
– फोटो : अमर उजाला


अभी करीब 600 वाहन ही खड़े हो पाते हैं। इसको लेकर जब कवायद तेज हुई तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश सामने आया। इसके तहत ऐतिहासिक झंडेवाला पार्क के स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इसकी जानकारी मंत्री को दी गई। 


Many plans made to solve problem of parking and traffic jam in Aminabad Lucknow but no solution could be found

चौकी के सामने सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहन।
– फोटो : अमर उजाला


उन्हें बताया गया था कि 1994-95 में झंडेवाला पार्क में दिल्ली की पालिका बाजार की तर्ज पर बाजार बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। उस समय भाजपा नेताओं ने इस मसले को जोरशोर से उठाया था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। इसके बाद पार्क के भूमिगत बाजार की दुकानों को तोड़ दिया गया और उस जगह का पार्किंग के रूप में उपयोग किया गया।


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अमीनाबाद में पार्किंग न होने से सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहन।
– फोटो : अमर उजाला


पार्षद बोले- मोहन मार्केट की जमीन पर बन सकती थी पार्किंग

रानी लक्ष्मीबाई वार्ड के पार्षद शफीकुर्रहमान चचा ने बताया कि मोहन मार्केट को तोड़कर उसे नए सिरे बनाने की योजना में भूमिगत पार्किंग बनाने की योजना थी, मगर किरायेदारों की विवाद के चक्कर में यह योजना सफल नहीं हुई। यह प्रोजेक्ट पूरा होता तो जाम की समस्या भी समाप्त होती और बाजार भी व्यवस्थित होता। घंटाघर पार्क और मार्केट के बीच खाली जगह थी जिस पर लोगों ने कब्जा कर लिया उस पर बन सकती थी मगर विवाद से यह नहीं बन सकी।

 


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अमीनाबाद में पार्किंग न होने से सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहन।
– फोटो : अमर उजाला


विवाद के कारण पैसा वापस चला गया

मौलवीगंज वार्ड के पार्षद मुकेश सिंह मोंटी ने कहा कि जनाना पार्क की जमीन पर करीब चार साल पहले मल्टीलेवल पार्किंग बनने की योजना आई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से 171 करोड़ रुपये का बजट भी पास था, मगर पार्क की जमीन के स्वामित्व को लेकर विवाद हो गया और योजना खटाई में पड़ गई थी। जो पैसा था, वह वापस चला गया। यदि पार्किंग बन गई होती तो अमीनाबाद की समस्या दूर हो जाती।

नगर निगम के जोनल अधिकारी ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि घंटाघर पार्क के पास खाली जगह पर एक ओपेन पार्किंग बनाई जानी है। इसके लिए अवस्थापना निधि में बजट पास हुआ है। पार्किंग बनने वहां करीब 500 दोपहिया गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी।




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