झांसी में अब बिना डॉक्टर के पर्चे के केमिस्ट किसी भी व्यक्ति को कफ सिरप नहीं देंगे। झांसी केमिस्ट एसोसिएशन ने ये फैसला ले लिया है। एसोसिएशन से जुड़े सभी दवा विक्रेताओं को ये संदेश भेज दिया गया है।
झांसी में रोजाना दो लाख रुपये की कफ सिरप की बिक्री होती है। खांसी के साथ-साथ सीने में ज्यादा जकड़न होने पर बच्चों को भी चिकित्सक कफ सिरप लिखते हैं। इसके अलावा परिजन खुद भी सीधे केमिस्ट से खरीदकर काफ सिरप बच्चों को पिलाते हैं। अब राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के कारण करीब एक दर्जन बच्चों की जान जाने के बाद कई राज्यों में उन कफ सिरप और बनाने वाली कंपनियों के अन्य उत्पादों पर भी रोक लगा दी गई है।
केंद्र सरकार ने भी परामर्श जारी कर दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सीरप नहीं देने के निर्देश दिए हैं। झांसी केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव नितिन मोदी ने बताया कि एसोसिएशन से जुड़े सभी दवा व्यापारियों को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के निर्देशों के बारे में अवगत करा दिया गया है। एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि बिना चिकित्सक के परामर्श के कफ सिरप की बिक्री न की जाए। इसके अलावा यदि दो साल से कम उम्र के बच्चे के पर्चे पर कोई चिकित्सक कफ सिरप लिखता है तो भी नहीं दी जाएगी।