गुरसराय के मोती कटरा गांव में गलघोंटू (डिप्थीरिया) से तीन महीने पहले हुई दो बच्चों की मौत का मामला सोमवार को विधानसभा तक पहुंच गया। सदन में पूछे गए सदर विधायक रवि शर्मा के सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दो मौतों के संज्ञान में होने की पुष्टि की लेकिन चिंता की बात यह है कि इसके बाद भी प्रशासन नहीं चेता। बजट के अभाव में मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी से बचाव के लिए दो महीने से एंटी डिप्थीरिया सीरम (एडीएस) इंजेक्शन नहीं हैं। इसी वजह से एक पखवाड़े के अंदर मेडिकल काॅलेज से गलघोंटू से पीड़ित दो बच्चों को ग्वालियर रेफर कर दिया गया।

हालात यह है कि यदि कोई अभिभावक इंजेक्शन लेकर आता है, तभी गलघोंटू पीड़ित बच्चे को भर्ती किया जाता है अन्यथा रेफर का पर्चा थमा दिया जाता है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि इंजेक्शन सीएमओ उपलब्ध कराते हैं, जो मिल नहीं रहे हैं। इंजेक्शन खुद लेकर आने पर ललितपुर की एक बच्ची का उपचार किया जा रहा है। दो माह से इंजेक्शन खत्म होने की वजह से बच्चों को रेफर किया जा रहा है।

बजट हो चुका खत्म

सीएमएस डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज की लिस्ट में एडीएस इंजेक्शन नहीं है। इसलिए इसे सीएमओ उपलब्ध कराते हैं। जब इंजेक्शन मिलेंगे, तभी उपचार करना संभव है। इस संबंध में जिले के वैक्सीनेशन प्रभारी एसीएमओ डॉ. रविशंकर का कहना है कि बजट खत्म हो चुका है। अभी खरीद की प्रक्रिया चल रही है। वहीं सीएमओ डाॅ. सुधाकर पांडेय का कहना है कि इंजेक्शन खत्म हो गए थे। अब 10 इंजेक्शन खरीदे हैं, जबकि विशेषज्ञ चिकित्सक का कहना है कि गंभीर रूप से बीमार एक बच्चा भर्ती हो तो उसे 8 से 10 इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं।

डीएम के आदेश पर भी नहीं बढ़ी रफ्तार

डीएम मृदुल चौधरी ने पांच सितंबर की बैठक में टीकाकरण का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने बबीना, मऊरानीपुर, बड़ागांव और बामौर में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे जो ठंडे बस्ते में हैं। इस पर टीकाकरण प्रभारी डॉ. रविशंकर का कहना है कि जैसे टीकाकरण चलना चाहिए, वैसे चल रहा है।

डिप्टी सीएम का जवाब- अभियान चलाकर लगाई गई डिप्थीरिया की वैक्सीन

विधानसभा में विधायक रवि शर्मा के सवाल पर डिप्टी सीएम ने जवाब दिया कि डिप्थीरिया से बचाव के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में झांसी में 126962, वर्ष 2024-25 में 114646 और वर्ष 2025 में नवंबर तक 76391 बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है। समय-समय पर 10 साल और 16 वर्ष तक के सभी बच्चों को अभियान चलाकर डिप्थीरिया की वैक्सीन लगाई जाती है।

मेडिकल काॅलेज में चिकित्सकों की कमी का मुद्दा भी उठा

विधानसभा में सदर विधायक ने यह भी पूछा कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और वार्ड ब्वॉय आदि के 70 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं। चिकित्सीय उपकरणों का अभाव होने से मरीजों को उपचार कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जवाब दिया कि मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों के 175 पद सृजित हैं। इनके सापेक्ष 133 पद भरे और 42 रिक्त हैं। रिक्त पदों का अधियाचन लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। वहीं, नर्सिंग संवर्ग के नियमित 743 पद के सापेक्ष 144, आउटसोर्स के 280 पद के सापेक्ष 275 नर्सिंग कर्मचारी कार्यरत हैं। नवचयनित 44 नर्सिंग अधिकारियों को मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया है। वार्ड ब्वॉय के 77 नियमित पदों के सापेक्ष 23 और 239 आउटसोर्स पदों के सापेक्ष 209 तैनात हैं।

गराैठा विधायक ने उठाया जर्जर सड़कों का मुद्दा

वहीं, गरौठा विधायक जवाहर राजपूत ने पूछा कि उनकी विधानसभा में जर्जर सड़कों का धर्मार्थ योजना के तहत चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण के संबंध में दिए पत्र पर क्या कार्रवाई हुई। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया कि धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति के क्रम में लोक निर्माण विभाग कार्रवाई कर रहा है।



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