
बिजली
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महानगर खंड के तहत आईटी मार्केट में 39 घंटे तक बिजली गुल रहने के मामले में लेसा के इंजीनियर फंस गए हैं। शक्ति भवन व मध्यांचल निगम मुख्यालय के बड़े अफसरों ने सोमवार सुबह इलाकाई अभियंताओं को जमकर फटकार लगाते हुए रिपोर्ट तलब की। इसके बाद अधिशासी अभियंता भविष्य कुमार सक्सेना ने अफसरों को झूठी रिपोर्ट भेजकर खुद और अवर अभियंता व उपखंड अधिकारी को बचाने का प्रयास किया। उन्होंने रिपोर्ट की सत्यता जांचे बिना ही इसे अफसरों को भेज दिया।
इस रिपोर्ट में अवर अभियंता व उपखंड अधिकारी ने ट्रांसफार्मर 29 जून (शनिवार) की रात दो बजे खराब होने की बात कहते हुए महज 10 से 12 घंटे ही बिजली बंद रहने का दावा किया। जबकि, हकीकत में ट्रांसफार्मर 28 जून (शुक्रवार) की रात एक बजे खराब हुआ था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि आईटी मार्केट के व्यापारियों को सूचना दे दी गई थी कि बिजली चालू होने में 10 से 12 घंटे लगेंगे, जो कि पूरी तरह से झूठ है।
वास्तव में अवर अभियंता व उपखंड अधिकारी ने आईटी मार्केट जाना तो दूर, किसी व्यापारी से मोबाइल पर बात तक नहीं की। सिर्फ लाइनमैन ने ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना दी थी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब मध्यांचल के अफसरों ने सत्यता परखने के लिए कारोबारी अनूप मिश्रा से फोन पर बात की। स्थिति ये थी कि 24 घंटे तक खुद अधिशासी अभियंता को भी बिजली बंद होने की जानकारी नहीं थी।
अब व्यापारियों पर झूठी गवाही का बना रहे दबाव
अवर अभियंता, उपखंड अधिकारी व अधिशासी अभियंता का झूठ पकड़े जाने पर उसे ही सच साबित करने के लिए व्यापारियों पर 29 जून की रात दो बजे ही बिजली बंद होने की झूठी गवाही देने के लिए शाम तक दबाव बनाया जाता रहा। लाइनमैन दबंग किस्म के लोगों को लेकर व्यापारियों के पास पहुंचा और उसने एक कागज पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया। कागज पर लिखा था कि बिजली 29 जून को बंद हुई थी। व्यापारियों ने इस पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया।
कैशियर को बर्खास्त करने का नोटिस
महानगर खंड में बिजली बिल के 65 लाख रुपये लेकर चंपत होने वाले कैशियर अजय कुमार वर्मा को सेवा से बर्खास्त करने का फाइनल नोटिस जारी कर दिया गया है। अधिशासी अभियंता भविष्य कुमार सक्सेना ने बताया कि फरार कैशियर को 27 जून को बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया गया है। मामले में आरोपी को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।