
बिजली
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पूरे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में छह घंटे की कटौती शुरू हो गई है। इसी के साथ प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर विरोध बढ़ने लगा है। पावर कारपोरेशन ने इस कटौती के जरिए जहां दूसरे राज्यों को 1842 मेगावाट बिजली बेचा है वहीं रोस्टर प्रणाली के खिलाफ उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में जनहित प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। रोस्टर प्रणाली को विरुद्ध बताते हुए सभी इलाके को 24 घंटे बिजली दिलाने की मांग की है।
बिजली उपभोक्ताओं का अधिकार है कि उन्हें 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाए। इसी के तहत ऊर्जा विभाग ने तीन माह पहले रोस्टर प्रणाली खत्म किया था, लेकिन एक जुलाई से इसे फिर लागू कर दिया गया है। इसके तहत ग्रामीण इलाके में छह घंटे, बुंदेलखंड में चार घंटे और तहसील व नगर पंचायत मुख्यालय पर ढाई घंटे कटौती का निर्देश दिया गया है।
इस निर्देश के खिलाफ बुधवार को उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा विद्युत नियामक आयोग पहुंच गए। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय सिंह से मुलाकात की। उन्हें बताया कि ऊर्जा विभाग ने गर्मी में 30700 मेगावाट का आपूर्ति करके रिकॉर्ड बनाया। अब बिजली की मांग 26287 से 27000 मेगावाट के बीच है। इसके बाद भी 24 घंटे बिजली देने के बजाय ग्रामीण इलाके में छह घंटे कटौती की जा रही है।
उन्होंने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 23 के तहत एक जनहित प्रस्ताव दाखिल करते हुए मांग की कि उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 के तहत 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का नियम है। इसलिए विद्युत नियामक आयोग तत्काल पावर कारपोरेशन को बिजली कटौती खत्म करने का निर्देश दे। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग को बिजली कटौती के साथ ही दूसरे राज्यों को बिजली बेचने के बारे में भी जानकारी दी है। इस कदम को जनहित विरोधी बताया है। रोस्टर जारी करने के मुद्दे पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।
प्रदेश में बिजली की कमी नहीं, फिर भी कटौती
प्रदेश में बिजली उत्पादन की कमी नहीं है। जहां उत्पादन पर्याप्त है, वहीं खपत घटी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो जुलाई को पावर कारपोरेशन ने 1842 मेगावाट बिजली दूसरे राज्यों को बेची है। इतना ही नहीं गर्मी में जहां पावर कारपोरेशन ने करीब 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी थी, वहीं इन दिनों 2.31 रुपया प्रति यूनिट से 70 पैसा प्रति यूनिट है। ऐसे में खरीद को लेकर कोई अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ रहा है।
घटेगी प्रति व्यक्ति बिजली खपत- वर्मा
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग को यह भी बताया कि छह घंटे की कटौती के आदेश से प्रदेश में प्रति व्यक्ति बिजली खपत घटेगी। वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत 1208 यूनिट थी तो उत्तर प्रदेश में सिर्फ 629 थी। जबकि दिल्ली की 1572, हरियाणा की 2229 और पंजाब 2171 की थी।