उरई। जिला पुरुष एवं महिला अस्पताल में आईं कायाकल्प की टीमों ने अलग-अलग मूल्यांकन किया। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में भीड़ देखकर नाराजगी जताई। वहीं, महिला अस्पताल में पैथोलॉजी ऊपरी मंजिल पर होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गर्भवती को ऊपर आने में दिक्कत होती होगी, इसलिए सैंपलिंग सेंटर नीचे बनाया जाए।
झांसी की एचईओ विजयश्री शुक्ला, कायाकल्प परामर्शदाता महोबा दिवाकर प्रताप सिंह, मंडलीय सलाहकार फिरोज आलम की अगुवाई में एक टीम जिला अस्पताल पहुंची। गेट पर दुकानों के अवैध संचालन पर नाराजगी जताई। इसके बाद जब टीम पैथोलॉजी में पहुंची तो भीड़ होने से उन्हें अंदर घुसने में मशक्कत करनी पड़ी।
इसके अलावा स्टाफ ड्रेस कोड में नहीं था। इस पर नाराजगी जताई और भीड़ को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। सभी स्टाफ को हिदायत दी कि ड्यूटी के दौरान मास्क पहनकर ड्यूटी करें। वार्डों में साफ सफाई रखे। डस्टबिन का नियमानुसार प्रयोग करें। मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराए। बाद में स्टाफ के साथ बैठक की और सुधार पर चर्चा की।
दूसरी टीम ललितपुर के कायाकल्प परामर्शदाता डॉ. तारिक अंसारी, झांसी के कायाकल्प परामर्शदाता डॉ. मनीष खरे, डीसीपीएम प्रशांत कुमार वर्मा की अगुवाई में जिला महिला अस्पताल पहुंची। टीम को एसएनसीयू वार्ड के बाहर गंदगी मिली। बिजली और निर्माण कार्य देखकर टीम ने तेजी से गुणवत्तापूर्ण काम कराने के निर्देश दिए। इसके बाद पैथोलॉजी कक्ष ऊपरी मंजिल पर देखकर नाराजगी जताई। कहा कि जब गर्भवती महिला जांच के लिए आती होगी तो उसे आने-जाने में कितनी परेशानी होती होगी। इसलिए सैंपलिंग सेंटर नीचे बनाया जाए।
इसके साथ ही वार्डों में कपड़ों के स्थान पर नए प्लास्टिक युक्त पर्दे लगाने के निर्देश दिए। ओटी में रोशनी कम होने पर नाराजगी जताई। मास्क, कैप आदि के सुरक्षित निस्तारण के निर्देश दिए। इस दौरान सीएमएस डॉ.सुनीता बनौधा, डॉ. एमके वर्मा, डॉ. एके सिंह, डॉ. संजीव प्रभाकर, सुजाता मसीह, एचएन राजपूत, ऊषा सिंह, सुशील मौर्या, दुष्यंत सिंह आदि मौजूद रहे।