स्कूल के अंदर तक छोड़ना होगा बच्चों को।
विस्तार
पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को स्कूल के अंदर छोड़ना होगा और वहीं से ले जाना होगा। बाहर की व्यवस्था की निगरानी के लिए सभी स्कूल में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। ट्रैफिक नोडल अफसर भी तैनात किए जाएंगे। यह व्यवस्था सबसे पहले हजरतगंज इलाके के स्कूलों में लागू की जाएगी। फिर धीरे-धीरे शहर के अन्य इलाकों के स्कूलों में भी ये व्यवस्था अमल में लाई जाएगी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) अमित वर्मा ने शनिवार को आयोजित बैठक के दौरान ये निर्देश दिए। बैठक में ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी के अलावा स्कूलाें के प्रधानाचार्य, प्रबंधक भी शामिल हुए। दरअसल, हाईकोर्ट ने स्कूली बच्चों को लेकर शुक्रवार को चिंता जाहिर की थी। सुनवाई करते हुए स्कूलों में सुरक्षा के उपाय न करने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया था। पांच सितंबर को प्रमुख सचिव को उपस्थित होने का आदेश दिया है। इसी के मद्देनजर पुलिस विभाग ने संबंधित लोगों के साथ बैठक की। जेसीपी ने बताया कि अगर अभिभावक खुद अपने वाहनों से बच्चों को स्कूल लाते-ले जाते हैं तो उन पर भी वही नियम लागू होता है। स्कूल परिसर के भीतर से ही कक्षा पांच तक के छात्रों को लाना व ले जाना होगा।
सुझाव मांगे, जल्द लागू होगी व्यवस्था
खुलने और बंद होने के समय विद्यालय के आसपास पार्किंग व्यवस्था स्कूल को ही करनी होगी। ट्रैफिक पुलिस ने स्कूल प्रशासन ने इस संबंध में सुझाव मांगा है कि वह व्यवस्थाओं को किस तरह से लागू करेंगे। उसी आधार पर ट्रैफिक पुलिस उसकी समीक्षा करेगी। उसके बाद व्यवस्था लागू की जाएगी।
60 दिनों की रिकाॅर्डिंग रखनी होगी
स्कूलों को पूरी तरह से कैमरों से लैस करना होगा। इसकी रिकॉर्डिंग 60 दिनों तक सुरक्षित रखनी होगी। कंट्रोल रूम में कंट्रोलर तैनात होगा। जो स्कूल के बाहर व भीतर के वाहनों की निगरानी करेगा। जरूरत पड़ेगी तो वहीं से एनाउंसमेंट करेगा, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो।
विद्यालय के कर्मचारी भी देखेंगे यातायात व्यवस्था
बैठक में कहा गया कि गेट पर जाम की स्थिति उत्पन्न न होने पाए स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए विद्यालय अपने ट्रैफिक कंट्रोल कार्यालय व यातायात पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए गेट व सड़क पर ट्रैफिक रुकने न दिए जाने संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। विद्यालय की तरफ से जो लोग तैनात किए जाएंगे उनकी वर्दी भी तय की जाएगी।
ये व्यवस्थाएं भी करनी होंगी
– आवश्यकता के अनुसार केंद्रीयकृत एनाउंसमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी।
– विद्यालय के कर्मियों के साथ-साथ अभिभावकों के वाहन खड़े करने की व्यवस्था।