उरई। जिला मेडिकल कॉलेज, उरई के एक हॉस्टल में जूनियर डॉक्टर से हुई अभद्रता के मामले में महानिदेशालय स्तर से पत्र जारी होने के बाद डॉक्टर की शिकायत की जांच के लिए नौ सदस्यीय टीम गठित की गई है। मेडिकल कॉलेज स्तर पर गठित टीम महिला हॉस्टल में आरोपी के प्रवेश के साथ सुरक्षा में तैनात गार्डों की लापरवाही को लेकर तथ्यों को भी खंगालेगी।
जांच टीम में प्रॉक्टर डॉ चरक सांगवान, एसआर छात्रावास की प्रभारी डॉ आफरीन, डॉ शैलेंद्र इलेक्ट्रीसिटी, नोडल डॉक्टर जीतेंद्र मिश्रा, पूर्व सैनिक कल्याण निगम के सुपरवाइजर, मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, सर्जरी विभाग के अध्यक्ष और लिपिक रेहान एवं ओपी चतुर्वेदी शामिल हैं। जो इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन स्तर पर भेजेंगे।
महिला डॉक्टर के साथ हुई अभद्रता के मामले में मेडिकल कालेज प्रबंधन में खलबली मची है। सूत्रों की मानें तो प्रबंधन ने डॉक्टर से शिकायत न करने के लिए भी दबाव बनाया, लेकिन वह नहीं मानीं। तहरीर मिलते ही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। इसके बाद प्रबंधन ने आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया था। अब पुलिस महिला डॉक्टर के बयान के आधार पर कार्रवाई करने में जुटी हुई है। महिला से दो दिन अभद्रता हुई, जिसका जिक्र एफआईआर में दिया गया है। हालांकि अभी बयान में क्या कुछ कहा गया है, यह प्रकाश में नही आ सका है।
क्या था पूरा घटनाक्रम
मेडिकल कालेज के एक हॉस्टल में जूनियर डॉक्टर के कमरे के दरवाजे पर लिपिक ललित कुमार ने 18 अगस्त को दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोलने पर वह डॉक्टर की ओर झपटा और उसका हाथ पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन उन्होंने बचकर दरवाजा बंद कर लिया। जूनियर डॉक्टर ने इसकी शिकायत अपनी साथी डॉक्टरों से कही। लेकिन मामले को दबा दिया गया। इससे आरोपी के हौसले बुलंद हो गए और वह 19 अगस्त को फिर डॉक्टर के कमरे में पहुंचा। इस बार वह हाथ में राखी लिए था। जिससे उस पर कोई शक न कर सके। जैसे ही उसने दरवाजा खटखटाया तो महिला डॉक्टर बाहर निकली तो आरोपी ने उसका हाथ पकड़ लिया। जिससे जूनियर डॉक्टर असहज और परेशान हो गईं। सूत्रों की मानें कि घटना के दिन एक भी सुरक्षा कर्मी हॉस्टल में मौजूद नहीं था। इस हॉस्टल में आने-जाने वाले बाहरी लोगों का ब्योरा भी दर्ज नहीं किया जाता था। आरोपी के पहुंचने पर न ही किसी ने उसे रोका और न ही उसका विरोध किया। जिससे इतनी बड़ी घटना हो गई। घटना के बाद जैसे ही मामला प्रबंधन के संज्ञान में आया तो फजीहत होने के डर से पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। लेकिन जब महिला डॉक्टर ने इसका विरोध किया तो आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। इसके बाद महिला अपने गृह जनपद आगरा चली गई।
शराब के नशे में था आरोपी
उरई। घटना के दिन वहां मौजूद सूत्रों की मानें तो आरोपी ने जब महिला जूनियर डॉक्टर से अभद्रता की तब वह नशे की हालत में था। विरोध करने पर मामला गर्म होने लगा। पहले इस पूरी घटना को सामान्य ढंग से प्रस्तुत करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा प्रयास किए जाते रहे। लेकिन जब महिला डॉक्टर नहीं मानीं तो दस दिन बाद उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई।
वर्जन
इस मामले में जांच टीम गठित है, साथ ही प्रकरण में पुलिस जांच भी चल रही है। इसलिए इस प्रकरण में जांच टीम की रिपोर्ट और पुलिस की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कराए गए हैं। सभी जगह रात में प्रकाश हो, यह भी सुनिश्चित किया गया है। -अरविंद त्रिवेदी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज