अपनी दुर्लभ गैलरी में नवीन सिंह।
गौरी त्रिवेदी
लखनऊ। क्या आपने कभी एक हजार रुपये या 525 रुपये का सिक्का देखा है। कभी एक किलो वजन का सिक्का तो नहीं ही देखा होगा। यकीनन यह सुनकर आप अचरज से भर जाएंगे। लेकिन, यह बिल्कुल सच है। यही नहीं ऐसे न जाने कितने ही प्राचीन और दुर्लभ सिक्के आपको नवीन सिंह के पास देखने को मिल जाएंगे।
अलीगंज के चंद्रलोक कॉलोनी के रहने वाले नवीन सिंह की उम्र 60 साल है। वह पेशे से उद्यमी हैं। उन्होंने शौक पर इतना अधिक काम किया कि आज उनके पास अनगिनत दुर्लभ चीजों का संग्रह है। उन्होंने आम लोगों के लिए मेडले नाम से प्रदर्शनी खोल दी है। इसकी शुरुआत उन्होंने छह वर्ष की उम्र से कर दी थी।
उन्होंने बताया कि यह ऐसा शौक है कि जैसे आप किसी चीज में इन्वेस्ट कर रहे हों। उदाहरण के तौर पर सोना तो फिर भी दाम में कम हो सकता है लेकिन इन दुर्लभ सिक्कों और वस्तुओं का दाम ऊपर ही होता रहेगा। दूसरी बात यह है कि सिक्कों का संग्रह कर मुझे आत्मिक संतुष्टि मिलती है। मेरे पास प्रूफ स्मारक सिक्कों, अप्रचलित सिक्कों, मिनेचेयर (लघु कलाकारी), डाक टिकटों, दुर्लभ वस्तुओं का अनूठा संग्रह है। कुछ तो ऐसे हैं जो सिर्फ मेरे ही पास हैं। बताया कि जब इंटरनेट नहीं हुआ करता था तो साल के 365 दिन मैं अखबार सिर्फ इसलिए देखा करता था कि किसी दिन सिक्कों का विज्ञापन न छूट जाए।
माल्टा ने महाराणा प्रताप पर जारी किया था एक किलो का सिक्का
नवीन सिंह के पास 1887 से लेकर 2024 तक के स्मारक सिक्कों का अद्भुत संग्रह है जिसमें एक किलो वजन वाला सिक्का शामिल है जिसे यूरोपीय देश माल्टा ने महाराणा प्रताप पर वर्ष 2003 में जारी किया था। इसके अलावा मीराबाई की याद में जारी किया गया 525 रुपये का सिक्का और बृहदीश्वर मंदिर के 150 साल पूरा होने पर जारी किया गया 1000 रुपये का सिक्का भी शामिल है। उनके पास 125 रुपये का भी सिक्का है। नवीन बताते हैं कि उन्होंने पहला सिक्का 450 रुपये में खरीदा था जिसकी कीमत आज 3600 रुपये है।
दुर्लभ चीजों में यह है खास
– दशकों पुराना कुकर जिसमें भाप में बन जाता है खाना। नवाबों की थूकदानी, ज्वैलरी बॉक्स, आदिवासियों का चावल कटोरा।
– सहस्त्राब्दि पदक जो 2000 साल पूरा होने पर सूर्य की पहली किरण कहां पड़ी यह पता लगने पर जारी किया गया था, इस पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के हस्ताक्षर भी हैं।
– माल्टा में महाराणा प्रताप पर जारी किया गया एक किलो वजन का सिक्का।
– राम जन्मभूमि पर जारी किया गया चार वैरियंट का सिक्का, सिंगापुर में जारी किया गया गणेश लक्ष्मी का सिक्का।
– गांधी की सीरीज जो पूरे भारत में सिर्फ 500 हैं उनका एक सेट समेत अन्य दुर्लभ वस्तुएं।
ए ग्रेड कलाकारों से बनवाते हैं सूक्ष्म कलाकारी के सजावटी सामान
नवीन सिंह ए ग्रेड कलाकारों से सूक्ष्म कलाकारी के सजावटी सामान बनवाते हैं। लघु कलाकारी में किचन के सामान बेहद मनमोहक व अलग किस्म की कारीगरी से बनवाए गए थे। उन्होंने नाखून के आकार में बने गेहूं के दाने में भगवान हनुमान जी की प्रतिमा बनवाई। संगीत के कई वाद्ययंत्रों में अनूठी कारीगरी देखने को मिल जाती है। डाक टिकटों का बड़ा संग्रह देखने को मिला। इसके अलावा उनके पास प्राइवेट कंपनियों की ओर से जारी किए गए स्मारक सिक्कों का संग्रह भी है।