संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। ट्रेनों की लेटलतीफी ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लंबी दूरी की ट्रेनें 5 से 10 घंटे तक की देरी से पहुंच रही हैं। ऐसे में जिन यात्रियों को झांसी से आगे की यात्रा के लिए दूसरी ट्रेन पकड़नी थी, उनकी ट्रेनें छूट गईं। अधूरा सफर पूरा करने के लिए कई यात्रियों ने रेल अधिकारियों के चक्कर भी काटे लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।
विकास के नाम पर ट्रेनों का संचालन बीते एक साल से बुरी तरह प्रभावित है। ट्रेनों का संचालन घंटों की देरी से हो रहा है। यह स्थिति कब सुधरेगी यह भी किसी को नहीं पता है। लेकिन इसके चलते यात्रियों का नुकसान जरूर हो रहा है। रविवार को भी दक्षिण और उत्तर भारत से झांसी आने वालीं लंबी दूरी की ट्रेनें कई घंटों की देरी से पहुंचीं। जिन्हें झांसी से कानपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश की यात्रा दूसरी ट्रेनों से करनी थी, उनकी ट्रेन पहली ट्रेन के देरी से पहुंचने के चलते छूट गईं। यात्री अपनी समस्या लेकर डिप्टी एसएस कार्यालय पहुंचे तो यहां पता चला कि नियमानुसार उन्हें छूट चुकी ट्रेन के टिकट पर अन्य किसी ट्रेन में यात्रा करने अनुमति नहीं दी जा सकती। पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जो ट्रेनें तीन घंटे से अधिक देरी से चल रही हैं, उन पर यात्रियों को नियमानुसार किराये का पूरा पैसा वापस किया जाता है, लेकिन जो ट्रेन दूसरी ट्रेन के कारण निकल चुकी है उस पर कुछ नहीं किया जा सकता।
इतनी देरी से पहुंचीं ये ट्रेनें
कटरा-डॉ. अंबेडकर नगर स्पेशल एक्सप्रेस 10 घंटे।
हजरत निजामुद्दीन-हुबली एक्सप्रेस 10 घंटे।
ऋषिकेश-पुरी उत्कल एक्सप्रेस 9 घंटे।
हुबली-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस 7.30 घंटे।
लोकमान्य तिलक-गाेरखपुर एक्सप्रेस 5.30 घंटे।
जबलपुर-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस 5.30 घंटे।
केरला एक्सप्रेस 5 घंटे।
अमृतसर-मुंबई एक्सप्रेस 5 घंटे।
गोरखपुर-हैदराबाद स्पेशल एक्सप्रेस 4 घंटे।
हजरत निजामुद्दीन-जबलपुर एक्सप्रेस 4 घंटे।
नई दिल्ली-थिरुवानंथपुरम एक्सप्रेस 3.30 घंटे।
मालवा एक्सप्रेस 3 घंटे।
चेन्नई-हजरत निजामुद्दीन गरीब रथ एक्सप्रेस 3 घंटे।
पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस 3 घंटे।
कुशीनगर एक्सप्रेस 2 घंटे।
पंजाब मेल एक्सप्रेस 1.30 घंटे।
यशवंतपुर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 1.30 घंटे।
झेलम एक्सप्रेस 1.30 घंटे।