अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। सराफा कारोबारी राजू कमरया और उसके दोस्त राजू अग्रवाल अपहरण कांड के तीन अभियुक्त हाथरस निवासी विनोद चौधरी, जितेंद्र चौधरी और लोकेंद्र चौधरी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियुक्तों ने सात साल पहले घटना को अंजाम दिया था। एसटीएफ ने 13 दिन बाद उन्हें आगरा से अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया था।
शहर कोतवाली थाना इलाके के मोहल्ला डरू भौंडेला निवासी सराफा कारोबारी राजेंद्र अग्रवाल उर्फ राजू कमरया अपने दोस्त राजू अग्रवाल (छोले) के साथ 12 जुलाई 2017 को सूद कॉलानी के पास स्थित अपने प्लॉट से रात करीब साढ़े ग्यारह बजे स्कूटी से घर वापस लौट रहे थे। रास्ते में आंतिया ताल के पास कार लेकर पुलिस की वर्दी में चार बदमाश खड़े थे। स्कूटी रोककर उन्होंने मारपीट की और दोनों को कार में डालकर अपने साथ ले गए थे। बदमाशों ने दोनों को पहले झांसी के एक गांव में रखा था। इसके बाद वे आगरा ले गए थे। मुखबिर की सूचना पर 25 जुलाई 2017 को एसटीएफ ने आगरा के निखिल वुडलैंड अपार्टमेंट में दबिश दी थी। वहां दोनों को चौथी मंजिल पर एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया था। एसटीएफ की टीम पर फायरिंग करते हुए अपहरणकर्ता मौके से फरार होने में सफल हो गए। जबकि, सराफा कारोबारी और उसके दोस्त को मुक्त करा लिया गया था। इस मामले में पुलिस ने हाथरस निवासी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
सोमवार को विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) विजय कुमार वर्मा-प्रथम की अदालत ने दोषी विनोद चौधरी, जितेंद्र चौधरी व लोकेंद्र चौधरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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16 को मिला संदेह का लाभ, बरी
सराफा कारोबारी अपहरण कांड में 19 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन इनमें से 16 संदेह का लाभ पाकर बरी हो गए। इनमें झांसी के मोहल्ला पुलिया नंबर नौ निवासी कमलेश यादव, गगन कुमार, यलो चर्च मसीहागंज निवासी बबली यादव उर्फ योगेंद्र, सीपरी बाजार के पहलगुवां निवासी अजय यादव उर्फ अजय जडेजा, आगरा निवासी धर्मवीर सिंह, संजय चाहर, राकेश शर्मा, गुड्डू चाहर व दीपू उर्फ नगेंद्र शर्मा, हापुड़ निवासी सत्येंद्र उर्फ बब्बल प्रधान व भूपेंद्र मलिक, मथुरा निवासी मिंटू सिंह चौधरी, हाथरस निवासी प्रदीप कुमार व चंद्रवीर, गाजियाबाद निवासी किशन चंद्र शर्मा एवं बुलंदशहर निवासी नेत्रपाल सिंह शामिल हैं। सजा सुनाए जाने के बाद सराफा कारोबारी राजू कमरया ने कहा कि न्यायालय का निर्णय स्वागतयोग्य है। तीन दोषियों को सजा हुई, इससे संतोष है लेकिन 16 आरोपियों के बरी होने का मलाल भी है। हालांकि, वे अब इस मामले में अपील नहीं करेंगे।
वीसी के जरिये न्यायालय में उपस्थित हुए अभियुक्त
न्यायालय ने तीनों अभियुक्तों को 26 सितंबर को दोषी करार दे दिया था। इसके बाद विनोद चौधरी और लोकेंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तीसरा दोषी जितेंद्र चौधरी पहले से ही उन्नाव जेल में बंद है। सोमवार को सजा सुनाए जाने के दौरान तीनों वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित हुए।