अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। 26 अक्तूबर को नगर निगम सदन की बैठक में लाइटों की खरीद पर भ्रष्टाचार के आरोप और पार्षद व विद्युत विभाग के बीच टकराव हुआ था। अब बढ़ी कीमतों पर मेयर का कहना है कि लाइट का ठेका लेने वाली फर्म को पांच साल तक रखरखाव करेगी। जबकि, पूर्व में फर्म दो साल तक रखरखाव करती थी। इसलिए लाइटों की कीमतों में कुछ इजाफा हुआ है।

सदन की बैठक में लाइटों की खरीद में भ्रष्टाचार का मामला पार्षद मुकेश सोनी ने जोरशोर से उठाया था। पार्षदों ने नगर निगम द्वारा खरीदी गई लाइटों का लेखाजोखा मांग लिया था। पूछा था कि किस दर से लाइटें खरीदी गई हैं। जब विद्युत विभाग की तरफ से लाइटों की दरें बताई गईं तो पार्षद की ओर से एक बिल प्रस्तुत किया गया। मुकेश ने कहा कि जिन लाइटों की कीमत तीन हजार रुपये है, उनको नगर निगम ने 10 हजार रुपये में खरीदा है।

इसी बीच, पार्षद सुनील नैनवानी ने आरोप लगाया कि लाइटों की खरीद में 40 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। मामले की जांच कराकर कार्रवाई होनी चाहिए। अब महापौर बिहारी लाल आर्य का कहना है कि पूर्व में नगर निगम द्वारा जो लाइटें खरीदी जाती थीं, उनके रखरखाव की समयसीमा दो साल होती थी। उसी दर पर इस बार भी लाइटों की खरीद की गई है। साथ ही रखरखाव की सीमा तीन साल बढ़ाई गई है। यानी कि लाइटें लगाने वाली फर्म अब पांच साल तक रखरखाव करेगी। कोई भी लाइट खराब होगी तो उसे बदलकर नई लगाई जाएगी।

दुकान का गेट फुटपाथ पर नहीं खुलेगा

मेयर ने कहा कि बस स्टैंड के पास कुछ लोगों ने दुकानें बना ली हैं। इनका गेट फुटपाथ की तरफ किया गया है। फुटपाथ नगर निगम का है। पार्षद आपत्ति कर रहे हैं। ऐसे में फुटपाथ पर अब दीवार बनाकर सुंदर चित्र बनाया जाएगा।



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