प्रवर्तन निदेशालय
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नोएडा के हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) प्रतीक इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों से अगले सप्ताह पूछताछ करने जा रहा है। ईडी ने कंपनी के निदेशकों को इस बाबत समन भेज दिया है। दरअसल, हैसिंडा के निदेशकों ने लोटस-300 प्राेजेक्ट के लिए नोएडा अथारिटी द्वारा आवंटित भूमि का 40 फीसद हिस्सा प्रतीक इंफ्रा को बेच दिया था, जो नियम विरुद्ध था।
सूत्रों के मुताबिक हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने नोएडा के सेक्टर 107 में लोटस 300 परियोजना 67,941.45 वर्ग मीटर भूमि पर शुरू की थी। कंपनी ने वर्ष 2010-11 में निवेशकों के साथ बिल्डर-बायर एग्रीमेंट किया था, जिसके बाद निवेशकों को पूरी भूमि पर टाउनशिप बनाने का झांसा देकर 636 करोड़ रुपये जुटाए थे। बाद में उन्होंने इसमें से 27,941.45 वर्ग मीटर का भूमि को निवेशकों के साथ किए अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करते हुए 236 करोड़ रुपये में मेसर्स प्रतीक इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया, जहां प्रतीक इंफ्रा ने आलीशान रिहायशी अपार्टमेंट का निर्माण करा लिया।
अब हैसिंडा पर हो रही कानूनी कार्रवाई की जद में प्रतीक इंफ्रा के निदेशक भी आ गए हैं। जांच में सामने आया है कि उन्होंने नोएडा अथॉरिटी की अनुमति लिए बगैर भूमि का सौदा किया और निवेशकों से करोड़ों रुपये लेकर फ्लैट बेचे। अब ईडी प्रतीक इंफ्रा प्रोजेक्ट के निदेशक प्रशांत कुमार तिवारी और प्रतीक तिवारी से पूछताछ करने जा रहा है। प्रशांत कुमार तिवारी प्रदेश कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के करीबी रिश्तेदार बताए जाते हैं।
हैसिंडा को दी रकम का बताना होगा स्रोत
पूछताछ के दौरान प्रतीक इंफ्रा के निदेशकों को हैसिंडा को भूमि के बदले दिए गए 236 करोड़ रुपये का स्रोत बताना होगा। साथ ही, उन्हें नोएडा अथॉरिटी से भूमि का सौदा करने और फ्लैटों का निर्माण करने संबंधी सारी अनुमतियों का ब्याेरा भी देना होगा। यदि यह सौदा जांच में गैरकानूनी साबित होता है तो प्रतीक इंफ्रा के प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।