मुहम्मदाबाद। भाई दूज पर सुबह जैसे ही मायके पनारी से उमा के पास भाई छोटू का फोन आया कि रविवार को ही आ जाओ क्योंकि वह सोमवार को बाहर चला जाएगा।

छोटू गुजरात में रहकर कंपनी में काम करता था। भाई का फोन आने पर बहन उमा खुशी से झूम उठी और पति सुरेंद्र से बोली कि जल्दी चलो क्योंकि आज का ही समय है, कल छोटू चला जाएगा।

इस पर सुरेंद्र, बेटी अंशिका, पुत्र हिमांशु व पत्नी उमा को बाइक पर बैठाकर निकला और जैसे ही पेट्रोल डलवाकर वह वह कट होते हुए सड़क पर निकला कि बस ने बाइक में टक्कर मार दी। इससे सुरेंद्र की पत्नी व बेटी की मौके पर ही मौत हो गई।

परिजनों ने बताया कि अंशिका गांव में ही कक्षा छह की छात्रा थी। वह तीन भाई बहनों में बड़ी थी। जैसे ही हादसे की सूचना सुरेंद्र के पिता प्रताप पाल को मिली तो बहू व पौत्रीती की मौत से उन्हें सदमा लग गया और वह बेसुध हो गए।

इसके साथ ही छोटी बेटी वैष्णवी भी बेहोश हो गई। वह बार बार मां व बहन को याद कर रोए जा रही थी। वह एक ही बात कह रही थी कि अब उसे तैयार कौन करेगा और उसके लिए खाना कौन बनाएंगा।

मां तुम ही तो थी तो कह रही थी कि आराम से रहना सुबह होते ही हम सभी आ जाएंगे। एक साथ दो मौतों से गांव में सन्नाटा पसरा है। रविवार को गांव में ही सड़क हादसे में मृत हुए युवक की त्रियोदशी भी थी। जिससे पहले वह लोग नहीं जा रहे थे पर भाई का फोन आने पर उमा खुद को रोक नहीं पाई और हादसा हो गया।



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