श्रावस्ती। कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को कायस्थ समाज के लोगों के घरों में रविवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा की गई। इस दौरान परिवार के लोगों ने भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा के समक्ष कलम-दवात का पूजन कर एक-एक पन्ना राम नाम भी लिखा।

कायस्थ समाज के लोगों के लिए कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के राज्याभिषेक कार्यक्रम में इन्हें आमंत्रित करना गुरु वशिष्ठ भूल गए थे। इस कारण भगवान चित्रगुप्त नाराज हो गए। इसपर भगवान चित्रगुप्त ने अपनी कलम बंद कर दी। जिससे सृष्टि में उथल-पुथल मच गया। इसकी जानकारी होने पर प्रभु श्रीराम ने उन्हें विशेष आमंत्रण भेजकर बुलाया। जिनकी पूजा-अर्चना के बाद ही वह माने, लेकिन परेवा तिथि होने के कारण उन्होंने अपनी लेखनी शुरू नहीं की।

बाद में द्वितीय तिथि में कलम-दवात की पूजा करके अपनी लेखनी शुरू की। इसी मान्यता के चलते रविवार को कायस्थ समाज के लोगों ने जमघंट से बंद कलम-दवात का पूजन कर श्री सीताराम लिख अपनी लेखनी की शुरुआत की। इस दौरान रामपुर देवमन में गुरशरण लाल श्रीवास्तव के परिवार के हार्दिक श्रीवास्तव, अंशवी व सौम्या श्रीवास्तव ने पहली बार कलम पूजन कर लिखना सीखा। इस मौके पर विनय कुमार श्रीवास्तव, आदर्श श्रीवास्तव, सतीश श्रीवास्तव, आलोक कुमार श्रीवास्तव, कौशल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। संवाद



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