फोटो-30-अस्त होते सूर्य की पूजा के लिए तैयार खड़ी महिलाएं। संवाद

फोटो-31-छठ पूजा के लिए सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं। संवाद

छठ महापर्व का तीसरे दिन रामकुंड पर श्रद्धालुओं की रही भीड़

संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का तीसरे दिन बुधवार को रामकुंड में श्रद्धालुओं ने छठ पूजा की। सुबह से ही घरों में महिलाओं ने भगवान सूर्य और छठी मैया के लिए मिष्ठान ठेकुआ बनाया। पुरुषों ने बाजारों से जाकर फलों की खरीदारी की। इस पूजा में जितने भी फल बाजार में उपलब्ध होते हैं वे सभी सूर्य भगवान को और छठी मैया को अर्पित किए जाते है।

फिर शाम होने से पहले फलों को डाला में रखकर सजाया। फिर सिर पर रखकर रामकुंड स्थित घाट पर पहुंचे। महिलाओं ने छठ गीत गए। वहां पर पहुंचकर घाट किनारे बनाई गई बेदी पर पूजा का सारा सामान रखकर नारियल चढ़ाया। दीप जलाए, सूप में रखे फलों और पूजा सामग्री लेकर नदी और तालाबों के पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अस्त होने का इंतजार करने लगे। जैसे ही भगवान अस्त होने को हुए वैसे ही वहां पर उपस्थित परिवार के सभी सदस्यों ने बारी-बारी से भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया। महिलाओं के समूह में छठ माई के गीत गए। बच्चों ने आतिशबाजी की तथा खुशी से झूम उठे।

छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संजय साहनी ने इस पूजा पर प्रकाश डालते हुए कहा यह एक कठिन व्रत है। जिसमें उपवास रखने वाला लगातार 36 घंटे का निर्जला व्रत करता है। बिस्तर पर नहीं सोता है। आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखता है। इस पूजा में पवित्रता और निष्ठा के प्रति एक विशेष समर्पण की भावना होती है। छठ पूजा का महत्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि एक सामाजिक उत्सव भी है। यह प्रकृति के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाता है। इसे मानने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दौरान सुमन, संजीव साहनी. खुशहाल, अमन, हर्षिता, मनीषा, डिंपल, मुकेश श्रीवास्तव, दीनानाथ तिवारी, अजय सिंह, धनंजय, संजय झा आदि मौजूद रहे।



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