झांसी-बुंदेलखंड में डॉ संजय सिंह राष्ट्रीय संयोजक, जल जन जोड़ो अभियान ने बताया कि इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। तापमान ने 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर लिया है, जिंससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गर्मी इतनी प्रचंड है कि लोग दिन के समय घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। यहां तक कि रात में भी तापमान में कोई खास गिरावट नहीं आ रही है, जिससे लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। विगत 5 दिनों से बुंदेलखंड में भीषण गर्मी से गुजर रहा है | आने वाले दिनों में तापमान और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है | मंगलवार को 46.3 डिग्री तापमान के साथ झाँसी प्रदेश में सबसे गर्म जिला रहा | ये सामान्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है | जबकि न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा जोकि सामान्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है |
गर्मी का असर पेड़ों पर भी दिखाई देने लगा है | तेज गर्मी के कारण जमीन की नमी भी कम हो गयी है | इसके चलते पेड़ सूखने लगे हैं | शहरी इलाकों के साथ ही वन विभाग के जंगलों में एक हजार से अधिक पेड़ गर्मी से झुलसकर सूख गए हैं | वन विभाग के अधिकारियों के मुताबित गर्मी का असर जंगलों में तकरीबन एक हजार से अधिक पेड़ों पर पड़ा है |
गर्मी के कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बुन्देलखण्ड में मंगलवार को उल्टी-दस्त और बुखार से पीड़ित सात लोगों की अस्पताल में मौत हो गई |
जल संकट की दृष्टि से देखा जाए तो बुंदेलखंड पहले से ही जल संकट से जूझ रहा है, और इस भीषण गर्मी ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। जल स्रोत सूख रहे हैं, और भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयास पर्याप्त नहीं साबित हो रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के कारण बुंदेलखंड इन दिनों बढ़ते तापमान के चलते लू और गर्मी से जूझ रहा है | खनन के कारण पहाड़ और नदियों का बेतरकीब तरीके से उत्खनन किया जा रहा है, इस इलाके के लिए यह भी एक बड़ा कारण बन रहा है |
ऐसे समय में बुन्देलखण्ड में एक ही रास्ता नज़र आता है कि यहाँ के परम्परागत जल संरक्षण संरचनाओं को पुनर्जीवित किया जाये ताकि वह गर्मी के समय में बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके | बुंदेलखंड में गर्मी का यह कहर एक गंभीर समस्या है, जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार, समाज और व्यक्तिगत स्तर पर सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। तब तक, लोगों को सावधानी बरतनी होगी और जितना संभव हो सके, घर के अंदर ही रहकर इस प्रचंड गर्मी से अपनी और अपने परिवार की रक्षा करनी होगी।