लखनऊ ऑब्स एंड गाइनी सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. प्रीति कुमार के मुताबिक गर्भावस्था में एनीमिया की कमी अब भी हमारे देश में बड़ी समस्या है। सामान्य नागरिक ही नहीं, स्वास्थ्यकर्मियों में भी इसके लिए बड़ी भ्रांतियां हैं। डॉ. प्रीति कुमार रविवार को निशातगंज स्थित होटल में लखनऊ ऑब्स एंड गाइनी सोसाइटी के स्थापना दिवस समारोह में बोल रही थीं।

डॉ. प्रीति कुमार ने बताया कि हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 होने पर एनीमिया मानना चाहिए, मगर सामान्य रूप से 10 से कम हीमोग्लोबिन होने पर ही एनीमिया माना जा रहा है। आयरन की गोली देने में भी पर्याप्त काउंसिलिंग नहीं की जा रही है। इसका नतीजा यह है कि लोग आयरन की गोली खा रहे हैं, लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा। कैल्शियम की गोली आयरन की गोली के साथ नहीं खानी चाहिए। दूध के साथ भी आयरन की गोली नहीं लेनी चाहिए। खाना खाने के कम से कम एक घंटे बाद आयरन की गोली लेनी चाहिए।

इस मौके पर प्रो. चंद्रावती और डॉ. सरोज व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. मालविका मिश्रा, डॉ. गीतिका नंदा सिंह और डॉ. कुशाग्र गौरव भटनागर के साथ ही लखनऊ की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ शामिल हुईं।

80 फीसदी महिलाओं में एनीमिया की समस्या

केजीएमयू की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और लखनऊ ऑब्स एंड गाइनी सोसाइटी की सेक्रेटरी प्रो. सीमा मेहरोत्रा ने बताया कि क्वीन मेरी में आने वाली 80 फीसदी गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या मिलती है। एनीमिया की समस्या होने पर तमाम तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

बचाव के लिए इनका रखें ध्यान

– खाना खाने के कम से कम एक घंटे बाद आयरन की गोली खाएं

– आयरन की गोली नियमित रूप से जरूर लें

– गर्भावस्था के चौथे महीने में पेट के कीड़े वाली दवाई जरूर लें

– हीमोग्लोबिन की जांच जरूर कराएं

– खट्टी चीजों के साथ आयरन की गोली ज्यादा प्रभावी साबित होती है



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