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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश दिया कि वर्ष 2018 में शुरू की गई 68,500 सहायक शिक्षक भर्ती के रिक्त 27,713 पदों के लिए दो माह में परीक्षा कराएं। कोर्ट ने अपील दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट देने पर भी गौर करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि अगर परीक्षा कराने में कोई बाधा हो तो इसकी जानकारी एक-एक हिंदी व अंग्रेजी अखबारों में प्रकाशित कराएं जिससे अभ्यर्थियों को पता चल सके कि यह परीक्षा क्यों नहीं कराई जा सकी।
न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश आलोक कुमार व अन्य अभ्यर्थियों की 37 विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करके दिया। ये अपील एकल पीठ के वर्ष 2018 के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थीं जिसमें 21 मई 2018 के शासनादेश को रद्द करते हुए सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 की न्यूनतम अंक सीमा को सामान्य व आरक्षित वर्ग के लिए क्रमशः 45 व 40 बरकरार रखने का आदेश दिया था। 21 मई 2018 के शासनादेश के तहत न्यूनतम अंक सीमा को क्रमशः 33 व 30 कर दिया गया था। अपीलकर्ताओं का कहना था कि एकल पीठ के आदेश के बाद हुई परीक्षा में 41,556 अभ्यर्थी ही सफल हो सके। बचे हुए 27,713 पदों के लिए इसके बाद परीक्षा नहीं कराई गई।
वहीं, राज्य सरकार व परिषद की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मामले में कई मुकदमों के चलते रहने से दूसरी परीक्षा नहीं कराई जा सकी, लेकिन सरकार के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। अदालत ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने के संबंध में अपीलों को, 27,713 पदों पर भर्ती को दो माह में परीक्षा कराने का आदेश देकर खारिज कर दिया।