कालपी। डिप्थीरिया से बालक की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। सोमवार को डब्लूएचओ की सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) डॉ. शालिनी सिंह ने टीम के साथ मृत बालक के घर व आसपास के क्षेत्र में रोग फैलने के कारण तलाशे। उधर, दो नए मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
नगर के मोहल्ला राजेपुरा निवासी वाजिद खान के 10 वर्षीय पुत्र अरमान की गले में सूजन आने के कारण रविवार को मौत हो गई थी। डिप्थीरिया से बालक की मौत की जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ़. शालिनी सिंह ने टीम के साथ मृतक के घर पहुंचकर रोग के कारण तलाशे। इस दौरान टीम के सदस्य डब्लूएचओ के मॉनीटर सौरभ मिश्रा एवं ऐपीडेमोलॉजिस्ट महेंद्र कुमार ने उसके टीकाकरण का इतिहास भी खंगाला है।
टीम के साथ मौजूद सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश बरदिया ने बताया कि मृतक बालक को किसी प्रकार का टीका नहीं लगवाया गया था। उसके घर के आसपास ज्यादातर बच्चों का भी टीकाकरण नहीं हुआ है। उधर, कालपी के मोहल्ला रावगंज निवासी रेहान (8) पुत्र महमूद व मैनूपुर निवासी मिष्ठी (5) को डिप्थीरिया के लक्षण होने पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। डिप्थीरिया के मरीजों की लगातार संख्या बढ़ रही है। अब तक 42 केस आ चुके हैं।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश बरदिया के अनुसार डिप्थीरिया का टीका बेहद जरूरी होता है लेकिन कई लोग भ्रमवश टीकाकरण नहीं कराते है। जिससे बच्चों मे रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है, जिसके दुष्परिणाम सामने है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह 1 से 16 वर्ष तक बच्चो का टीकाकरण अवश्य कराए।
जान गंवाने वाले दो अन्य बच्चों का भी नहीं हुआ था टीकाकरण
नगर में डिप्थीरिया से मौत का यह कोई पहला मामला नही है। इससे पहले उदनपुरा निकासा में विराट एवं रामचबूतरा नई बस्ती में ईशा की भी डिप्थीरिया की वजह से मौत हो चुकी है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश बरदिया के मुताबिक, उन दोनों का भी टीकाकरण नहीं हुआ था। जिसके चलते इलाज के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका था। शनिवार को भी मृत हुए बालक को भी टीका नहीं लगा था।