
समीक्षा बैठक में सीएम योगी।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर अवर अभियंता (जेई) से लेकर मुख्य अभियंता तक सभी की जवाबदेही तय होगी। अनुबंध के नियमों का उल्लंघन होगा तो कांट्रेक्टर या फर्म को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी होगी। ठेका लेकर दूसरे को ठेका देने की व्यवस्था स्वीकार न करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की परियोजना तैयार करते समय स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखें। प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्त है, जिससे समझौता नहीं किया जा सकता।
सीएम ने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के साथ ही काम शुरू करने और खत्म होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए। फिर इसका कड़ाई से पालन किया जाए। बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। पूरे हो चुके कामों का थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी देने से पहले उसकी उपयोगिता का आकलन जरूर किया जाए। प्राथमिकता तय करें, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क या सेतु निर्माण की स्वीकृति दें। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जिलों को मिले।
ब्लॉक तक दो लेन मार्ग अनिवार्य
सीएम ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय तहसील व ब्लॉक मुख्यालय योजना के अंतर्गत सभी तहसील व ब्लॉक मुख्यालय को जिला मुख्यालय से न्यूनतम दो लेन मार्गों से जोड़े जाने का काम तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य ”मैत्री द्वार” बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं। जहां भूमि उपलब्ध न हो, वहां तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। अब तक 96 मार्गों पर प्रवेश द्वार पूरे हो चुके हैं या निर्माणाधीन हैं।
एफडीआर तकनीक से बनाएं 6 हजार किमी सड़कें
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की सड़कों का निर्माण अब लोक निर्माण विभाग करवा रहा है। सीएम ने कहा कि इन कामों को प्राथमिकता दें। यहां गड्ढे नहीं होने चाहिए। अभी लगभग 6000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जाना है। इन्हें एफडीआर तकनीक से बनाया जाना चाहिए।