बबीना (झांसी)-वन विभाग ने बबीना क्षेत्र के सरवा गांव में अवैध लकड़ी तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 45 क्विंटल खैर की लकड़ी जब्त की। कल रात 8 बजे वन विभाग की टीम ने धोबई नाले के पास एकत्रित इस लकड़ी की बाजार में कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। हालांकि, छापेमारी के दौरान तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। वन विभाग ने लकड़ी जब्त कर तस्करों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है।

गुप्त सूचना पर त्वरित छापेमारी

वन विभाग को गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि धोबई नाले के पास भारी मात्रा में अवैध खैर की लकड़ी एकत्र की गई है और तस्कर इसे जल्द ही बाजार में बेचने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही रेंजर झांसी राजनरायन यादव, वन दरोगा महेश कुमार यादव, वन रक्षक मनोज कुमार, कु. पूजा, पुष्पेंद्र और अन्य वनकर्मियों की टीम ने इलाके में दबिश दी।

जैसे ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लकड़ी तस्करों को भनक लग गई और वे अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। टीम ने मौके से 45 क्विंटल खैर की लकड़ी जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश सीमा बनी तस्करों का गढ़

स्थानीय लोगों के अनुसार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमाएं सटी होने के कारण यह इलाका लकड़ी तस्करों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। तस्कर मध्यप्रदेश के जंगलों से खैर की लकड़ी काटकर उत्तरप्रदेश की सीमा में फेंक देते हैं और वहां से इसकी तस्करी करते हैं।

खैर की लकड़ी की बाजार में भारी मांग है, क्योंकि इसका उपयोग गुटखा, कत्था, आयुर्वेदिक दवाओं और लकड़ी के अन्य उत्पादों में किया जाता है। इसी कारण तस्कर अवैध कटाई कर इसे बाजार में बेचने के लिए सक्रिय रहते हैं।


डीएफओ जे. बी. शेंडे की सख्त चेतावनी: जल्द होंगे तस्कर गिरफ्तार

वन विभाग के डीएफओ जे. बी. शेंडे ने बताया कि दो ट्रैक्टर लकड़ी जब्त कर वन विभाग की नर्सरी में सुरक्षित रखवा दी गई है। अज्ञात तस्करों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई है।

वन विभाग ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि जल्द ही तस्करों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, वन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने और इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की योजना बनाई जा रही है।


ग्रामीणों से अपील: संदिग्ध गतिविधियों की दें सूचना

वन विभाग ने स्थानीय ग्रामीणों से अपील की है कि अगर वे जंगलों में किसी संदिग्ध गतिविधि को देखें तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें। इससे तस्करों पर लगाम लगाई जा सकेगी और जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

वन विभाग की जांच जारी है और तस्करों की तलाश तेज कर दी गई है। आसपास के गांवों में पूछताछ की जा रही है और संदेह के आधार पर कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा सकती है। वन अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस अवैध तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया जाएगा।

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