Hathras incident: CM Yogi said, SOP will be made to stop such incidents, judicial inquiry ordered

हाथरस पहुंचे मुख्यमंत्री प्रभावित लोगों से मिले।
– फोटो : amar ujala

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 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाथरस कांड जैसी घटनाएं भविष्य में न हों, इसके लिए राज्य सरकार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाएगी। उन्होंने बुधवार को हाथरस में घटना स्थल का दौरा करने के बाद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घटना के सभी पहलुओं को देखते हुए सरकार ने मामले की न्यायिक जांच कराने के साथ ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एसओपी बनाने का निर्णय लिया है।

घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में होगी। इसमें प्रशासन और पुलिस के भी सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल होंगे। वहीं, सीएम के निर्देश पर एडीजी आगरा अनुपमा कुलश्रेष्ठ की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। मुख्यमंत्री ने उन्हें आगे जांच जारी रखते हुए घटना की तह तक जाने को कहा है। योगी ने कहा कि कई ऐसे पहलू हैं जिनकी जांच होना जरूरी है। जो लोग भी घटना के जिम्मेदार हों उन्हें जांच के दायरे में लाया जाए।

अन्य राज्यों के मृतकों के परिजनों को भी मुआवजा

हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं में मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के श्रद्धालु भी शामिल हैं। यूपी के 17 जिलों के श्रद्धालुओं की भी मृत्यु हुई है। दूसरे प्रदेश के मृतकों के परिजनों को भी योगी सरकार मुआवजा देगी। जिला प्रशासन से जारी मृतकों की सूची में 6 अन्य राज्यों से है। इनमें मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक, हरियाणा के पलवल से एक और फरीदाबाद से 3 और राजस्थान के डीग से 1 श्रद्धालु शामिल है।

सूरजपाल का नहीं मिल रहा रिकॉर्ड

सूरजपाल जाटव का पुराना रिकॉर्ड पुलिस खंगाल रही है। अब तक की जांच में सामने आया है कि उसने इटावा से पुलिस की नौकरी की शुरुआत की थी जिसके बाद आगरा में तैनात हो गया था। वह वर्दी में ही सत्संग करने लगा जिसकी शिकायत पर विभाग ने कार्रवाई शुरू की। इसके बाद उसने वर्ष 1999 में पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी। यह भी सामने आया है कि इटावा, फर्रुखाबाद समेत कई जिलों में पूर्व में हुए सत्संगों के दौरान भी अनुमति से अधिक लोग जमा हुए थे। छेड़खानी के एक मामले में उसके जेल जाने की भी चर्चा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।



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