बबीना(झांसी)-बबीना नगर की प्राचीन धरोहर बड़ा तालाब जिसको मोती तालाब भी कहा जाता हे इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर हे।छावनी परिषद बबीना की अनदेखी के कारण अपने अस्तित्व को बचाने की जंग लड़ रहा हे।प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ा रहा हे छावनी परिषद बबीना।हिन्दू मुस्लिम दोनों की आस्था इस तालाब से जुड़ी हुई हे जहा एक ओर हिंदू समुदाय के लोग इस तालाब में मूर्ति विसर्जन करते हे तो दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय के लोग यहां ताजियों को ठंडा करते हे।पहले काफी संख्या में क्षेत्र की जनता यहां घूमने और नहाने धोने के साथ,पूजा अर्चना में इस तालाब के जल का उपयोग करते थे लेकिन अब इस तालाब का जल गंदगी के कारण प्रदूषित हो चुका इस कारण क्षेत्र की जनता का मोहभंग हो गया हे कभी कभार ही किसी त्यौहार या मूर्ति विसर्जन के समय कुछ चुनिंदा लोग ही दिखाई पड़ते हे।बड़ा तालाब पर लगा गंदगी का ढेर देख कर सुबह सवेरे के समय सैर सपाटे को जाने वाले लोग यहां कचरे के ढेर के कारण उठती दुर्गंध के कारण मू और नाक बंद करके निकलते हे।छावनी परिषद द्वारा ना तो कोई साफ सफाई करवाई जाती और ना कोई चौकीदार या कर्मचारी तालाब की देखरेख के लिए नियुक्त किया हे जो लोगों को गंदगी फैलाने और स्वच्छता के प्रति जागरूक करे।छावनी परिषद द्वारा लाखों करोड़ों के टेंडर किए जा रहे जबकि नगर की इस प्राचीन धरोहर के संरक्षण के लिए विभाग के अधिकारियों के कानो में जू तक नहीं रेंग रही हे।अभी कुछ समय बाद विघ्नहर्ता श्री भगवान गणेश जी नगर में कई जगह विराजमान होंगे और उसके बाद उनके विसर्जन के लिए ना तो तालाब की साफ सफाई,रंग पुताई और प्रकाश व्यवस्था छावनी परिषद द्वारा की गई हे।नगर की जनता ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से तालाब की साफ सफाई की मांग की हे।