उरई। शहर कोतवाली क्षेत्र के जालौन रोड स्थित ट्रैक्टर शोरूम के बेसमेंट में मंगलवार सुबह आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। कर्मचारियों ने संचालक व दमकल टीम को सूचना दी। सूचना पर तीन दमकल पहुंची पर आग पर काबू नहीं पाया जा सका। इसके बाद चार दमकल और आईं तब आग पर काबू पाया जा सका। आग से करीब एक करोड़ के नुकसान का अनुमान है। सूचना पर एसडीएम, सीओ सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और संचालक से जानकारी ली।
माधौगढ़ तहसील क्षेत्र के अकबरपुरा निवासी राघवेंद्र सिंह का मकान उरई शहर के जालौन बाईपास में है। पिछले 10 साल से वह मकान के नीचे वाले हिस्से में महिंद्रा ट्रैक्टर का शोरूम खोले हैं। इसी के बेसमेंट में श्रीबालाजी टीवीएस सर्विस सेंटर भी संचालित है।
मंगलवार सुबह करीब 7 बजे एजेंसी के बेसमेंट में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आग की लपटों को देख मौजूद एजेंसी के कर्मचारियों ने ऊपर रखे ट्रैक्टरों को तुरंत बाहर निकाला, लेकिन तब बेसमेंट में रखीं 12 बाइकें, पार्ट्स और सामान धू-धूकर जलने लगा।
कर्मचारियों ने एजेंसी मालिक व फायर ब्रिगेड को सूचना दी। सूचना पाकर तीन दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग को बुझाने का प्रयास किया। आग बढ़ती देखकर तत्काल दमकल की अन्य गाड़ियों को बुलाया गया। चार दमकल और पहुंची और बुझाने का प्रयास किया। सात दमकल गाड़ियों ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। लेकिन तब तक बेसमेंट में रखी सर्विस के लिए आई ग्राहकों की करीब 12 बाइकें, बाइकों व ट्रैक्टरों के पार्ट्स, मोबिल आयल, फर्नीचर व अन्य सामान भी जल गया।
संचालक राघवेंद्र सिंह ने बताया कि उनका एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। जानकारी पर एसडीएम नेहा व्याडबाल, सीओ सिटी उमेश कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे और संचालक से जानकारी ली।
आसपास के लोग घबराए, सात गाड़ियां पहुंचने पर ली राहत की सांस
उरई। बेसमेंट में लगी आग की लपटें जैसे ही विकराल हुई तो आसपास रहने वाले लोगों में खलबली मच गई। पड़ोसी व शिक्षक बलवान सिंह ने बताया कि जैसे ही उन्हें आग लगने का पता लगा तो उन्होंने यूपी 112 नंबर पर कॉल की। पहली बार ठीक से कॉल नहीं लग पाई तो वह बाइक से दमकल विभाग पहुंचे। उन्होंने स्टाफ को आगजनी की सूचना दी। उनके साथ ही स्टाफ चल दिया। इसी बीच 112 पर दोबारा कॉल लगाने पर लग गई तो उन्होंने अवगत कराया। इसके बाद उरई से तीन, कालपी से एक, माधौगढ़ से दो, जालौन से एक गाड़ी बुलाई गई। सात गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। इसके बाद राहत की सांस ली। (संवाद)
बेसमेंट में नहीं ली गई फायर की एनओसी
उरई। बेसमेंट में लगी आग से उठी लपटों के बाद जैसे ही आग पर काबू पाया गया तो वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। बेसेमेंट में रखा सामान अधिकतर जल चुका था। जो सामान बचा भी था। उसे बाहर निकाला, लेकिन वह भी किसी काम का नहीं था। दमकल कर्मियों ने बताया कि मोबिल ऑयल रखा होने की वजह से आग और विकराल हुई है। इसी के चलते आग बुझाने में भी परेशानी हुई है। इसके बाद जब जानकारी ली गई तो बेसमेंट में फायर की एनओसी ही नहीं ली गई थी। लोगों का कहना है कि शहर में करीब एक दर्जन से अधिक बेसमेंटों में लोग कारखाने, दुकानें संचालित कर रहे हैं, लेकिन अधिकतर लोगों के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है। मंगलवार को भी जब आग लगने की घटना हुई तो लोगों का कहना है कि अगर बेसमेंट में फायर की एनओसी ली गई होती तो शायद इतनी बड़ी घटना न घटित होती। (संवाद)