बरुआसागर (झाँसी)- नगर के प्रमुख बाज़ार में आज उस वक्त बड़ा हादसा होने से बच गया। जब एक जर्जर दो मंजिला इमारत भरभराकर धराशाई हो गई। जिससे आस पास क्षेत्रों में हड़कंप मच गया। और लोग किसी की आशंका से उस ओर दौड़ पड़े। हालांकि हादसे की चपेट में आने से किसी प्रकार की जनहानि नही हुई। लेकिन वहाँ पर रखें हुये मेहनतकश मजदूरों के हाथ ठेले एवं दोपहिया वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये। जिससे उनके स्वामियों का बुरा हाल हो रहा था।
बताया जाता है। कि नगर के मुख्य बाजार में विगत कई वर्षों से खस्ता हालत में दो मंजिला इमारत खड़ी हुई थी। जिसके मालिक महेश लक्षकार, जगदीश लक्षकार, जयप्रकाश लक्षकार बताये जाते है। जिनका शायद बटवारें को लेकर आपसी विवाद चल रहा है। परन्तु उस मकान पर जयप्रकाश लक्षकार निवासी बाजार बरुआसागर के नाम की पट्टिका लगी हुई है।
यह मकान वैसे तो कभी भी धराशाई होकर हादसे को अंजाम दे सकता था। लेकिन आज गुरुवार को अपरान्ह 1 बजे के करीब रिमझिम बारिश के बजह से भरभराकर धराशाही हो गया। बो तो गनीमत यह रही कि हमेशा लोगो के आवागमन से व्यस्त रहने वाला सड़क मार्ग पर कोई नही निकला । जिससे जन हानि नही हुई। लेकिन मकान के सामने खड़े हैंड ठेले एवं दोपहिया वाहन जरूर ध्वस्त हो गए। जबकि इस सड़क मार्ग से बाजार में खरीदी करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों का आना जाना लगा रहता है।



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नगर पालिक प्रशासन करता रहा हादसे का इंतज़ार


नगर के मुख्य बाजार एवं व्यस्तम सड़क मार्ग के किनारे विगत कई वर्षों से खड़े दो मंजिला इमारत के खस्ताहाल होने के बाबजूद नगर पालिका प्रशासन नज़र अंदाज करता रहा। किसी भारी हादसे की प्रतीक्षा करता रहा। जबकि बताया जाता है कि मकान के जर्जर हालत से अधिकांश मुहल्ले वासियों ने नगर पालिका प्रशासन से लिखित एवं मौखिक गुहार लगाते हुये इस भवन को गिराये जाने का अनुरोध किया था। लेकिन नपा प्रशासन उनकी प्रार्थना को अनदेखा करता रहा। फलस्वरूप आज यह घटना घटित हो गई। जिसमें कुछ लोगों को हानि पहुँची।
बताया जाता है। कि इस तरह की खस्ताहाल कई इमारतें नगर के विभिन्न मुहल्लों में खड़ी हुई है। जो कभी भी धराशाही हो सकती है। इनको चिन्हित किया जाना जरूरी है।

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