चौकी पुलिस की कार्यशैली में प्रश्नचिन्ह –
झाँसी – इसे कहते हैं बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा। नगर की चौकी पुलिस की कार्यशैली कमाल की है। कमाल ऐसा की चौकी पुलिस की नाक के नीचे ही गोरखधंधा चलता और उच्च अधिकारियों को भनक तक नहीं है । खबर सूत्रों की माने तो लंबे समय से बस स्टैंड पर बने होटल व लॉज में देह व्यापार व अनैतिक कार्यो का धंधा चलता है जिसकी भनक तक न तो संबंधित थाने की पुलिस और न ही एसओजी या फिर खुफिया तंत्र को ही लग सकी। धंधेबाजों को भी बस स्टैंड के निकट से अधिक सुरक्षित और कहां मिलने वाला था।पुलिस की नाक के नीचे ही होटल में बेधड़क देह व्यापार का धंधा फल फूल रहा है.
बस स्टैंड पर स्तिथ होटल व लॉज अनैतिक कार्यों के अड्डे बनते जा रहे हैं। जहां पर खुलेआम जिस्मफरोशी का धंधा चलाया जा रहा है। संचालकों की इतनी सांठगांठ है कि पुलिस की रेड पडऩे से पहले ही इन्हें सूचना मिल जाती है।
सूत्रों की माने तो लॉज की आड़ में अब शराब व देह व्यापार का धंधा पनप रहा है।जानकारों की माने तो इस काम के लिए नगर में स्थानीय स्तर सहित दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, कोलकात्ता से लड़कियों को तीन से चार माह के एग्रीमेंट पर बुलाया जाता है।इसके लिए दलाल भी सक्रिय हैं,जो ग्राहकों को लाने का काम करते हैं। बताया जा रहा है कि लड़कियों की कीमत उनकी उम्र के हिसाब से लगाई जाती है।पुलिस की ओर से होटलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की हिदायत दे रखी है,लेकिन सांठगांठ के चलते निगरानी केवल मौखिक तौर पर ही होती है।इन होटलों में चंद रुपयों के खातिर आसानी से चंद घंटों के लिए कमरा मिल जाता है। इन लॉज में इतने बड़े पैमाने पर अनैतिक कार्यो की संलिप्ता और पुलिस का मौन धारण करना कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के साहब को इन होटल संचालको द्वारा हर माह एक मोटी रकम पहुंचायी जाती है.आखिर किस साहब को रकम पहुचायी जाती है और कितनी.
एक तरफ जनपद में जहाँ डीआईजी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपनी कार्यशैली से अपराध पर अंकुश लगाकर नियंत्रण कर रहे है वही मंचौकी के साहब सब जानकर भी कहि न कहि अपराध का ग्राफ बढ़ाने पर कसर नहीं छोड़ रहे है.