रायबरेली। मीरगंज में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है। शुरुआत में पानी खराब होने की बात सामने आई तो जल निगम ने पानी का सैंपल भरकर उसे जांच के लिए भेजा था। सैंपल की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें मीरगंज मोहल्ले का पानी दूषित न होने की बात की गई है।

नगर पालिका प्रशासन मोहल्ले का पानी खराब न होने की बात कह रहा है। जबकि लीकेज पाइप लाइन से घरों में दूषित पानी पहुंचने से डायरिया फैलने की बात सामने आई है। नगर पालिका के निर्देश पर जल निगम ने जमीन के स्ट्रेटा के पानी की जांच कराने के लिए सैंपल लिए है। लीकेज पाइप लाइन से घरों में पहुंचे दूषित पानी के सैंपल पर कोई भी सही जवाब नहीं दे पा रहा है।

शहर के मीरगंज मोहल्ले में डायरिया थम नहीं रहा है। पिछले आठ दिनों में 100 से अधिक लोग बीमार हो चुके है। जिनका इलाज जिला अस्पताल के साथ घरों पर हुआ है। जब बीमारी फैली तो मोहल्ले के लोगों ने दूषित पानी पीने से बीमार होने की बात कही थी। जिस पर जल निगम ने पानी की टंकी को आपूर्ति किए जाने वाले ट्यूबवेल के बोर के सैंपल भरवाए। जल निगम के जिम्मेदारों का मानना था कि शहर में 28 एमएलडी पानी की जो आपूर्ति होती है, वह सही है।

मीरगंज में पानी खराब की बात आई है तो स्ट्रेटा की जांच होनी चाहिए। इस पर ट्यूबवेल के बोर के पानी के सैंपल 22 अक्तूबर को भरे गए और जांच के लिए उन्हें प्रयोगशाला भेजा गया। रविवार को सैंपल की रिपोर्ट जल निगम के पास आ गई। रिपोर्ट में मोहल्ले का पानी साफ बताया गया है। इसके मुताबिक पानी का पीएच मान सात है जो सामान्य है। इसी तरह पानी का टीडीएस 542 एमजी प्रति लीटर है। यह सामान्य है। पानी में क्लोराइड की मात्रा 57.500 एमजी प्रति लीटर, कैल्शियम 22.000 एमजी प्रति लीटर है।

लीकेज पाइप लाइन से घरों में आ रहे पानी की नहीं हुई जांच

मीरगंज मोहल्ले में डायरिया फैलने के बाद नगर पालिका और जल निगम डैमेज कंट्रोल की कवायद में लगा रहा। आननफानन टयूबवेल के बोर से निकलने वाले पानी का सैंपल ले लिया गया, लेकिन न तो लीकेज पाइप लाइन को दुरुस्त करने की जरूरत समझी गई और न ही लीकेज पाइप लाइन से घरों में आ रहे पानी के सैंपल को लिया गया।

ऐसे में कागज पर भले ही दूषित पानी को क्लीन चिट मिल गई है लेकिन हकीकत में लीकेज पाइप लाइन से आ रहा पानी ही बीमारी की वजह बना है। यदि लीकेज पानी की जांच हो जाती तो परिणाम कुछ और ही निकलता।

दूषित पानी से फैला डायरिया

मीरगंज में जब डायरिया फैला तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मोहल्ले का दौरा किया था। उस दौरान लीकेज पाइप लाइन का पानी पीने की बात सामने आई थी। मोहल्ले में गंदगी की भरमार थी। इस पर आननफानन एंटी लार्वा के छिड़काव के साथ पानी की सैंपलिंग कराई गई थी।

जल निगम की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जल निगम ने पाइप लाइन के पानी की सैंपलिंग कराई या नहीं, यह देखने वाली बात है। बीमारी पानी के दूषित होने से फैली है। सीएमओ डॉ. नवीन चंद्र ने बताया कि जब बीमारी फैली तो पता लगा था कि दूषित पानी पीने से लोग बीमार हुए है। जल निगम ने किस तरह पानी की जांच कराई, इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है।

मीरगंज मोहल्ले का पानी साफ

मीरगंज मोहल्ले में हालात सामान्य हैं। साफ सफाई के साथ एंटी लार्वा का छिड़काव करा दिया गया है। जल निगम की रिपोर्ट भी आ गई है। इसमें मोहल्ले का पानी दूषित न होने की पुष्टि हुई है। शहर में कहीं भी पानी दूषित नहीं है। मीरगंज मोहल्ले में जो जलापूर्ति की जा रही है। उसका पानी साफ है।

– स्वर्ण सिंह, ईओ नगर पालिका



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