उरई। त्योहार की छुट्टी के कारण शनिवार को तहसील समाधान दिवस का आयोजन नहीं हो पाया था, सोमवार को जिले भर में आयोजन हुआ। इसमें फरियादियों की शिकायतें अधिक रहीं, शिकायतों की अपेक्षा समाधान अधिकारी नहीं कर पाए। समाधान दिवस में बाढ़ और बारिश से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा अब तक नहीं मिलने का मुद्दा छाया रहा।
हर तहसील में किसानों ने शिकायत कर बताया कि कई जगह पर कंपनी ने बीमा नहीं दिया तो कई जगह पर सर्वे ही नहीं हुआ। मुआवजा नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं। अधिकारियों और कंपनी के कर्मचारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं। कोंच में डीएम राजेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता व एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने 26 शिकायतों को सुना, लेकिन चार का समाधान हुआ।
डीएम ने निर्देश दिए कि जो समस्याएं या शिकायतें आईं हैं। उनका समय पर समाधान करें। हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समस्या के निस्तारण की जानकारी शिकायतकर्ता को भी जरूर दें। उरई तहसील में एसडीएम नेहा ब्याडवाल ने 22 में चार को तत्काल न्याय दिया, बाकी निराश लौटे। कालपी तहसील में एसडीएम सुशील कुमार ने 25 में तीन शिकायतों का निस्तारण किया। माधौगढ़ में एसडीएम सुरेश कुमार पाल व सीओ रामसिंह ने छह शिकायतों को सुना, समाधान किसी का नहीं हुआ।
इन शिकायतों का नहीं हो रहा समाधान
माधौगढ़ में किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष शिवबालक सिंह ने बारिश में किसानों की खराब हुई फसलों का मुआवजा दिलाने की मांग की। कोंच में अखिलेश चचौंदिया, सौरभ तिवारी, प्रशांत, अंकित, रूपेश, गोपाल ने बताया कि गांधीनगर में छह माह पहले के बिजली पोल लगे हुए हैं, जिनमें अब तक केबल भी नहीं बिछाई गई है। कई बार शिकायत की, कोई समाधान नहीं हुआ। कालपी में मंगरौल निवासी शंकरलाल, सुधाकर ने बताया कि यमुना में बाढ़ आने से फसल खराब हो गई थी, लेकिन अब तक बीमा कंपनी ने मुआवजा नहीं दिया।